बलाचौर के 29 स्कूलों को पढ़ा रहे केवल 28 अध्यापक


बलाचौर, 10 अक्तूबर (दीदार सिंह बलाचौरिया) : पढ़ो पंजाब और पढ़ाओ पंजाब का नारा देकर एक ओर पंजाब और इसी तरह केन्द्र सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने और सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को समय के साथी बनाने का राग अलाप रही हैं, पर हकीकत और आंकड़े कुछ और ही दर्शा रहे हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार ब्लाक बलाचौर के ब्लाक नंबर 1 से संबंधित 14 स्कूलों में पढ़ रहे 447 विद्यार्थियों को 13 और इसी तरह बलाचौर के ब्लाक नंबर 2 से सबंधित 15 स्कूलों के 493 विद्यार्थियों को 15 अध्यापक पढ़ा रहे हैं। मिली जानकारी तहत ब्लाक बलाचौर नंबर एक के गांव रामगढ़ और नंगल के 20-20 विद्यार्थियों को पढ़ाने हित रोज़ाना प्रबंध करना पड़ रहा है, इसी तरह मुत्तों में 47, पनियाली कला के 48, दोभाली के 28, परागपुर के 30, उपराला वाड़ा के 16, जंडी आदि के 31 विद्यार्थियों के लिए सभी स्कूलों के लिए एक-एक अध्यापक, आसरों के 57 विद्यार्थियों को 2 अध्यापक, बेला ताजोवाल के 34, बछूआ के 40, भेडीया के 16, भल्ला बेट के 28 विद्यार्थियों के लिए एक-एक अध्यापक ड्यूटी निभा रहे हैं और बालेवाल के 32 विद्यार्थियों के लिए एक-एक अध्यापक है, पर सीएमटी का उचित प्रबंध नहीं है। इसी तरह ब्लाक बलाचौर नंबर दो से सबंधित स्कूलों, जिनमें बंगा बेट के 26 के विद्यार्थियों, महमूदपुर गादड़ीया के 19, रायेपुर के 34, नवां पिंड टप्परीयां के 58, नानोवाल कंडी के 21, खंडूपुर के 32, मंढियाणी के 34, मोहर के 434, कुलार के 31, बल्लोवाल सौंखड़ी के 23, ठठियाला ढाहां के 21, गरले ढाहां के 26 विद्यार्थियों के लिए सभी स्कूलाें में एक-एक अध्यापक, मानसेवाल के 20 विद्यार्थियों के लिए एक एएसआई गांव जटपुर के स्कूल में 31 विद्यार्थियों के लिए एक अध्यापिका पर सीएमटी का बदलवा प्रबंध नहीं इसी तरह कंगणा बेट के 74 विद्यार्थियों को केवल 2 अध्यापक पढ़ा रहे हैं, पर वहां बीएमटी का भी वैकल्पिक प्रबंध नहीं है। इसी तरह तहसील बलाचौर के ब्लाक सड़ोया के 12 स्कूलों में एक-एक अध्यापक ड्यूटी पर तैनात है, जिनमें छूछेवाल के 35, टोरोवाल के 36, करीमपुर चाहवाला के 32, मक्खूपुर के 4, खुर्दां के 5, कौलगढ़ के 33, चनकोई के 29, छदौड़ी के 18, बेगमपुर के 22, सहूंगड़ा के 34, महिंदपुर के 51 और करावर के 53 विद्यार्थियों को एक-एक अध्यापक पढ़ रहा है। इसी तरह ताजी रिपोर्ट में ज़िला शहीद भगत सिं नगर के करीब ज्यादातर स्कूलों में एक ही अध्यापक स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं, जबकि कुछ स्कूलों में एक भी अध्यापक नहीं है और शिक्षा विभाग को रोज़ वैकल्पिक प्रबंध करने पड़ रहे हैं।