बरनाला में भाकियू द्वारा किसान पुकार रैली

बरनाला, 13 अक्तूबर (विजय भंडारी, योगराज योगी) : भाकियू एकता उगराहां के आह्वान पर दाना मंडी बरनाला में मजबूर किसानों की यही पुकार, पराली का हल करे सरकार और हल नहीं तो साडेंगे, धक्केशाही पछाड़ेंगे के अंतर्गत किसान पुकार रैली की गई। इस रैली में हजारों की संख्या में किसानों ने  पंजाब सरकार खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर सम्बोधित करते जत्थेबंदी के प्रदेश प्रधान जोगिन्द्र सिंह उगराहां, सीनियर उप-प्रधान झंडा सिंह जेठूके, महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलाँ, मनजीत सिंह पटियाला और लखविन्दर सिंह गुरदासपुर आदि वक्ताओं ने कहा कि विभिन्न कंपनियों को पराली मशीनों के 3000 करोड़ रुपए (1700 सब्सिडी  1300 किसानों से) देकर पराली खेत में खत्म करने के लिए निकाला गया हल प्रदूषण रहित नहीं बल्कि ज़्यादा प्रदूषण फैलाने वाला है। नेताओं ने कहा कि पंजाब में 220 लाख टन की सिर्फ 9 प्रतिशत पराली खेतों में दबने का जुगाड़ बड़ी मुश्किल से हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रीन ट्रिब्यूनल समेत प्रांतीय और केंद्रीय सरकार द्वारा 8 प्रतिशत पर्यावरण प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पराली के धुएँ से किसानों को बदनाम किया जा रहा है। जबकि 92 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार उद्योग के कहीं अधिक खतरनाक धुएं और जहरीले पानी बारे चुप धार रखी है। उनकी रोकथाम के लिए बाकायदा कानून बने हुए हैं। इसके अलावा डीजल, कोले आदि की अपेक्षा सैंकड़े गुणा ज्यादा सल्फर गैसों का प्रदूषण फैलाते औद्योगिक ईंधन पैटकोक के प्रयोग पर दिल्ली और साथ लगते राज्यों में पाबंदी लगाने के सुप्रीम कोर्ट के हुक्म को भी साल भर से नहीं माना गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के चहेते रिलायंस ग्रुप और 10, 12 अन्य धनाढ्य औद्योगिक घरानों ने सभी कानून टाँग रखे हैं। नेताओं ने कहा कि किसान नहीं चाहते कि मिट्टी और हवा के प्रदूषण के द्वारा सब से अधिक उनपर ही जानलेवा प्रभाव डाल रही पराली को जलाया जाये परन्तु परिवर्तनीय प्रदूषण रहित हल न होने के कारण मजबूरीवंश वह पराली जला रहे हैं। नेताओं ने सरकार से माँग की कि या तो सरकार द्वारा पराली सँभालने का परिवर्तनीय प्रदूषण रहित हल उनकी तरफ से अपने खर्चे पर किया जाये या फिर धान बासमती पर 200 रुपए प्रतिशत क्विंटल फसल के मूल्य के साथ ही दिया जाये, फिर किसान पराली नहीं जलाएंगे। इस मौके पर जसविन्दर सिंह लोंगोवाल, रूप सिंह छन्ना, जंक सिंह भूटाल, शिंगारा सिंह मान, औरत नेता हरिन्दर बिंदु, अमरीक सिंह गंढूआ, चमकौर सिंह नैणेवाल आदि प्रवक्तों ने संबोधन किया।