रामपाल सहित 15 दोषियों को उम्रकैद


हिसार, 16 अक्तूबर (राज पराशर/प्रवीन कुमार) :  हत्या के मामले में दोषी करार सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल और उसके बेटे वीरेंद्र सहित 15 दोषियों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया की अदालत ने आज उम्रकैद की सजा सुनाई। प्रत्येक आरोपी पर दो लाख पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न देने पर 2 साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अदालत ने अलग-अलग धाराओं में अलग अलग सजा व आर्थिक दंड लगाया है। यह सभी सजा एक साथ चलेगी। दोषियों को धारा 302 में 1-1 लाख रूपए जुर्माना व उम्रकैद व धारा 120 में 1-1 लाख रुपए का जुर्माना व उम्रकैद तथा धारा 343 में दो साल की सजा व 5 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है। रामपाल के वकील एपी सिंह ने कहा कि वे हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने रामपाल और उसके भक्तों के साथ न्याय नहीं किया वे धर्मकर्म का काम करते थे। इसके खिलाफ वे हाईकोर्ट में जायेंगे। उन्होंने कहा कि यह न्याय की पहली सीढ़ी थी अब आगे अपील करेंगे। यह सजा बरवाला के सतलोक आश्रम में 14 नवंबर 2014 को चार महिला व एक बच्चे की हत्या के मामले में मुकदमा न. 429 में सुनाई गई है। रामपाल सहित 15 लोगों को 11 अक्तूबर को अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत ने दोषी करार दिया था। जिनमें रामपाल, उसका बेटा वीरेंद्र, भांजा जोगेंद्र, बहन पूनम और मौसी सावित्री के अलावा बबीता, राजकपूर उर्फ प्रीतम, राजेंद्र, सतबीर सिंह, सोनू दास, देवेंद्र, जगदीश, सुखवीर सिंह, खुशहाल सिंह व अनिल कुमार शामिल हैं। रामपाल सहित 6 आरोपी दोनों केस में दोषी हैं।
इनमें रामपाल, उसका बेटा वीरेंद्र, राजकपूर उर्फ प्रीतम, राजेंद्र, जोगेंद्र और बबीता शामिल हैं। रामपाल, वीरेंद्र, जोगेंद्र, राजेंद्र और राजकपूर उर्फ प्रीतम जेल में बंद थे, जबकि बबीता जमानत पर थी। अब सभी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। एक अन्य मामले में महिला की हत्या के केस में रामपाल सहित 14 दोषियों को 17 अक्तूबर को सजा सुनाई जानी है।
क्या है पूरा मामला
2006 में करौंथा के सतलोक आश्रम के बाहर फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई थी। प्रशासन ने रामपाल और उनके 37 अनुयायियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई। इसी मामले में हिसार कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रामपाल की पेशी थी, जहां रामपाल समर्थकों ने बवाल किया। इसके बाद पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रामपाल व उसके अनुयायियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। हाईकोर्ट ने 5 नवम्बर 2014 को डीजीपी और गृह सचिव को आदेश दिया था कि 10 नवंबर 2014 को रामपाल पेश करें। 10 नवंबर को रामपाल ने लोगों को आश्रम में ढाल बनाकर खड़ा कर दिया। आरोप है कि रामपाल के आदेश पर उसके सहयोगियों और प्राइवेट कमांडो ने लोगों को सतलोक आश्रम में बंधक बना रखा था। उन्हें आश्रम से बाहर नहीं जाने दिया गया। कोर्ट के आदेश के बावजूद 10 और 17 नवंबर को भी रामपाल की पेशी नहीं हो पाई। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस-प्रशासन को फटकार लगाते हुए 21 नवंबर तक रामपाल को पेश करने को कहा। 19 नवंबर 2014 को 60 घंटे तक की घेराबंदी और करीब 56 घंटे की कार्रवाई के बाद रामपाल ने रात में सरेंडर किया था। इस पूरी घटना के दौरान 6 लोगों की मौत हो गई थी।