सिख दंगों के मामले की पुलिस जांच में खामी थी : सीबीआई


नई दिल्ली, 16 अक्तूबर (भाषा) : सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की कथित भूमिका की जांच में ‘‘खामी’’ थी क्योंकि इसमें नेता को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ को यह भी बताया कि पुलिस ने इस उम्मीद में दंगों के दौरान दर्ज प्राथमिकी को ठंडे बस्ते में रखा कि प्रभावित लोग सुलह कर लेंगे और मामले को हल कर लेंगे। सीबीआई की ओर से विशेष सरकारी अभियोजक वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा ने बताया कि दिल्ली पुलिस की जांच में ‘‘खामी’’ थी क्योंकि इस उम्मीद में प्राथमिकी ठंडे बस्ते में रखी कि लोग सुलह कर लेंगे और मामले को सुलझा लेंगे। उन्होंने एजेंसी की ओर से दलीलें पूरी करते हुए यह बताया। सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी कैप्टन भागमल, पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, गिरधारी लाल और दो अन्यों को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों के दौरान एक नवंबर 1984 को दिल्ली कैंट के राज नगर इलाके में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या से संबंधित मामले में दोषी ठहराया गया। निचली अदालत ने इस मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।