पंजाब मंत्रिमंडल के फैसले : स्टाम्प ड्यूटी बढ़ी, जनता पर पड़ेगा 100 करोड़ का अतिरिक्त बोझ

चंडीगढ़, 17 अक्तूबर :  पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा 10 दिवसीय विदेशी दौरे पर जाने से पूर्व आज यहां प्रदेश मंत्रिमंडल की बुलाई गई एक विशेष बैठक में प्रदेश की मौजूदा दयनीय वित्तीय स्थिति को बहाना बनाकर स्टैप ड्यूटी की दरों में वृद्धि को हरी झंडी देते हुए राज्य के लोगों पर 100 करोड़ रुपए से अधिक का नया वित्तीय बोझ डालने का फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए इस फैसले के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी के शैड्यूल की कुल 65 आइटमों में से 17 मुख्य आइटमों पर स्टाम्प ड्यूटी दोगुणी या दुगनी से अधिक भी करने का फैसला लिया गया। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य को इस समय स्टाम्प ड्यूटी से 50 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित होता है, जोकि अब 150 करोड़ रुपए से भी बढ़ने का अनुमान है। लिए गए इस फैसले के अनुसार 1000 रुपए से अधिक की कीमत के बांडों पर ड्यूटी अब बांडों, गोद लेने के लिए डीड, एफीडेविट व मैमोरंडम आफ एग्रीमैंट आदि के लिए फीस दुगनी कर दी गई है जैसे कम्पनियों के लिए आर्टीकल आफ एसोसिएशन पर फीस जो पहले 5000 थी वह 10000 व जो 10000 थी, उसे 20000 रुपए कर दिया गया है। शेयर अलाटमैंट के पत्र पर अब फीस 15 रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए व कम्पनियों के लिए यह 5000 व 10000 से बढ़ाकर दुगनी कर दी गई है। नोटरी के लिए भी फीस 45 से बढ़ाकर 90 रुपए पावर आफ अटार्नी के लिए 500 से बढ़ाकर 1000, सहयोगी एग्रीमैंट के लिए 1000 से बढ़ाकर 2000 व किसी एग्रीमैंट को रद्द करने के लिए  फीस 300 से बढ़ाकर 600 रुपए करने का फैसला लिया गया है।
खनन नीति : मंत्रिमंडल द्वारा लम्बे समय से विवादों में घिरी व अवैध तथा स्वीकृति के लिए लटक रही जिस नई खनन नीति को स्वीकृति दी गई, उसके लिए मुख्य आधार अकाली-भाजपा सरकार की खनन नीति को ही बनाया गया, जो बड़ी नुक्ताचीनी का विषय बनी। स्वीकृत की गई इस नीति के अनुसार पुरानी नीति वाली प्रोग्रैसिव बीडिंग व कलस्टर प्रणाली को नई नीति में भी कायम रखा गया, लेकिन दावा किया गया कि प्रदेश सरकार इस बात को सुनिश्चित बनाएगी कि रेत व बजरी 9 रुपए प्रति फुट से ज्यादा कीमत में न बिक सके और इस कीमत में लोडिंग व गाड़ी का खर्च भी शामिल होगा। नीति में यह भी कहा गया कि ढुलाई के लिए दूरी के अनुसार अधिक से अधिक प्रति फुट दी जाने वाली कीमत भी निर्धारित की जाएगी और ठेकेदार उन कीमतों के ज़रिये रेत व बजरी बेचेगा, जो अधिसूचित या उससे कम कीमत पर ढुलाई करने में सहमत होंगे। कालोनी प्रमोटरों को लाईसैंस वापिस करने की सुविधा : मंत्रिमंडल द्वारा आज एक और फैसला लेते हुए ऐसे कालोनी प्रमोटरों को अपने लाईसैंस वापिस करने की सुविधा देने का फैसला लिया गया है, जिनके द्वारा अपनी कालोनियां विकसित नहीं की जा सकीं और न ही उनके द्वारा अपनी कालोनियों के लिए मूलभूत ढांचा व सुविधाएं ही विकसित की गई हों और न ही कोई प्लाट आदि बेचा जा सका हो। प्रमोटर का लाईसैंस वापिस लेने से पहले प्रदेश सरकार द्वारा 2 समाचारपत्रों में 30 दिनों का एक नोटिस भी जारी किया जाएगा ताकि तथ्यों की पुष्टि हो सके। पंचायत समिति, ज़िला परिषद् अध्यक्ष पदों पर महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण   : पंजाब कैबिनेट ने बुधवार को पंचायत सरपंचों के साथ ही पंचायत समितियों और जिला परिषदों के अध्यक्ष पदों पर भी महिलाओं को रोटेशन के आधार पर 50 फीसदी आरक्षण मुहैया कराने का फैसला किया। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के सात दिनों के भीतर पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनौर को भेजा जाएगा।  मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने पिछले साल इन निकायों में महिलाओं को मिलने वाले 33 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया था। लुधियाना में साइकिल वैली को रियायतें देने के लिए औद्योगिक नीति में संशोधन : मंत्रिमंडल द्वारा लुधियाना में 100 एकड़ क्षेत्रफल में बनाई जाने वाली साइकिल वैली के लिए ग्लोबल टैंडरिंग के लिए सहमति दे दी गई और इस वैली में स्थापित होने वाले साइकिल प्रोजैक्टों को भी छूट देने के लिए जी.एस.टी. नियमाें में संशोधन करने का फैसला लिया गया। इस साइकिल वैली को चंडीगढ़-लुधियाना मार्ग के साथ जोड़ने के लिए 8.8 किलोमीटर लम्बी सड़क के निर्माण के लिए भी स्वीकृति दे दी गई। प्रवक्ता ने बताया कि यह औद्योगिक पार्क खुली मुकाबलेबाज़ी व तकनीकी टैंडर प्रक्रिया के ज़रिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर  की कम्पनी द्वारा विकसित की जाएगी। कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बैठक में रहे अनुपस्थित : कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जिनके द्वारा दक्षिणी राज्यों में सरकारी कार्पोरेशन के ज़रिये होते खनन का अध्ययन करने के बाद पंजाब में भी यही काम सरकारी हाथ में लिए जाने संबंधी मुख्यमंत्री को रिपोर्ट पेश की गई थी और बताया गया था कि इससे पंजाब को वार्षिक लगभग 4000 करोड़ रुपए की आय हो सकती है, जोकि इस समय 125 करोड़ के करीब है, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा सिद्धू की इस रिपोर्ट को काफी देर से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था और अब कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया व सुखजिंदर सिंह रंधावा आदि की राय से तैयार की गई खनन नीति को आज मंत्रिमंडल में पेश किए जाने के अवसर पर मंत्रिमंडल की बैठक से अनुपस्थित रहे। ‘अजीत समाचार’ द्वारा जब उनसे सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि वह धार्मिक यात्रा पर हैं।