आयुर्वैद प्रणाली में कोड नम्बर से पहचान कर किया जाएगा मरीज़ों का उपचार

जालन्धर, 18 अक्तूबर (शिव शर्मा): पूरा विश्व ही देश की हज़ारों वर्ष पुरानी आयुर्वैद उपचार प्रणाली को लोहा मानता रहा है और चाहे पहले यह प्रणाली कुछ समय के लिए अलोप हो गई थी परंतु केन्द्र के प्रयासों से योग का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार होने के बाद आयुर्वैदिक प्रणाली के द्वारा मरीजों का उपचार करने के लिए केन्द्र द्वारा तेज़ी से प्रयास करने का काम शुरू हो गया है। केन्द्र के आयुष विभाग ने आयुर्वैद प्रणाली के द्वारा मरीजों का इलाज करने के लिए बीमारियों की पहचान हेतु कोड नम्बर तैयार कर लिए हैं। विभिन्न बीमारियों के 3000 कोड नम्बर तैयार किए गए हैं। आने वाले समय में सरकारी या गैर-सरकारी रूप में काम करते आयुर्वैद डाक्टर मरीजों की बीमारियों को कोड नम्बर के द्वारा पता लगाकर उनका इलाज किया करेंगे। बीमारियों की पहचान, उनकी किस्में, उनके टैस्ट करने के लिए बाकायदा कोड नम्बर तैयार किए जाएंगे। आयुर्वैद प्रणाली में मरीजों का इलाज कोड नम्बर के द्वारा करने का बड़ा फायदा लोगों को यह होगा कि किसी भी राज्य या अन्य देश में जाकर कोई अपना इलाज करवाना चाहता है तो मरीज़ों की बीमारी का बाकायदा कोड नम्बर होगा और उस कोड नम्बर के अनुसार ही मरीज़ों का इलाज करने में ही आसानी होगी। केन्द्र के आयुष विभाग ने आयुर्वैद प्रणाली से इलाज को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक और प्रसार करने के लिए कोड नम्बर प्रणाली तैयार की है। इससे न सिर्फ विदेशों में इलाज प्रणाली का बोलबाला बढ़ेगा बल्कि आयुर्वैददवाइयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता दिलाने में भी आसानी होगी। केन्द्र के आयुष विभाग ने इस प्रणाली का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार करने के लिए कुछ समय पहले ही काम शुरू कर दिया था और अब देशभर में आयुर्वैदिक डाक्टरों को कोड नम्बर के द्वारा मरीज़ों का इलाज करने वाले प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया है। डाक्टरों को कोड नम्बर के द्वारा इलाज करने का प्रशिक्षण देने के बाद उनको भी पुरुषों तथा महिला मरीज़ों का रिकार्ड रखना होगा और इस रिकार्ड को ही केन्द्र के पास भेजा जा सकेगा। आयुर्वैद के मैडीकल अधिकारी चेतन मेहता ने बताया कि उनके साथ अन्य विशेषज्ञ ने भी इस प्रणाली का प्रशिक्षण लिया है तथा अन्य आयुर्वेद के मैडीकल अधिकारियों को भी इस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाएगा।