दिल्ली को हरा मुंबई बनी चैम्पियन

बेंगलुरु, 20 अक्तूबर (वार्ता): विकेटकीपर आदित्य तारे (71) की बेशकीमती अर्धशतकीय पारी और उनकी सिद्धेश लाड (48) के साथ पांचवें विकेट के लिए 105 रन की बहुमूल्य साझेदारी की बदौलत मुंबई ने दिल्ली को शनिवार को चार विकेट से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय क्रिकेट टूर्नामैंट का खिताब जीत लिया। मुंबई ने दिल्ली को 45.4 ओवर में 177 रन पर निपटाने के बाद लक्ष्य का पीछा करते हुए अपने चार विकेट मात्र 40 रन पर खो दिए थे लेकिन तारे और लाड ने शतकीय साझेदारी कर मुंबई को जीत की पटरी पर लौटा दिया। मुंबई ने 35 ओवर में छह विकेट पर 180 रन बनाकर खिताबी जीत हासिल कर ली। मुंबई की टीम छह साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी और उसने 11 साल के लम्बे अंतराल के बाद यह खिताब जीता है। उसे 2011-12 के फाइनल में बंगाल से हार का सामना करना पड़ा था जबकि इससे पहले  मुंबई ने 2006-07 में राजस्थान को हराकर खिताब जीता था। वर्ष 2003-04 में जब फाइनल नहीं खेले जाते थे तब मुंबई की टीम विजेता रही थी। दिल्ली ने हालांकि छोटा स्कोर बनाया लेकिन मुंबई के चार विकेट जल्दी झटक कर अपने उम्मीदें जगा लीं। तारे और लाड ने फिर विपरीत परिस्थितियों में संघर्षपूर्ण साझेदारी कर दिल्ली के हाथ से जीत का मौका निकाल दिया। दिल्ली तीसरी बार विजय हजारे ट्राफी के फाइनल में खेल रही थी लेकिन उसका 6 साल बाद खिताब जीतने का सपना शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की फाइनल में नाकामी के कारण टूट गया। दिल्ली आखिरी बार 2012-13 में विजेता रही थी, जबकि 2015-16 में उसे गुजरात से हारकर उप-विजेता रहकर संतोष करना पड़ा था। तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने 3 विकेट निकालकर मुंबई के शीर्ष क्रम को झकझोर दिया। सैनी ने युवा सनसनी पृथ्वी शॉ (8), स्टार बल्लेबाज अजिंक्या रहाणे (10) और सूर्यकुमार यादव (4) के विकेट झटके जबकि कुलवंत खेजरोलिया ने  कप्तान श्रेयस अय्यर (7) को आउट कर मुंबई का स्कोर 8वें ओवर में 4 विकेट पर 40 रन कर दिया। दिल्ली के सामने यहां मौका था लेकिन तारे और लाड दिल्ली के गेंदबाजों के सामने अड़ गए। तारे ने आक्रामक अंदाज में खेलते हुए 89 गेंदों में 13 चौकों और एक छक्के की मदद से 71 रन की मैच विजयी पारी खेली। तारे जब 31वें ओवर में मनन शर्मा की गेंद पर पगबाधा हुए तब मुंबई का स्कोर 145 रन पहुंच चुका था और जीत ज्यादा दूर नहीं थी।