प्रेरक प्रसंग : समझदारी का महत्त्व

यह तो सब को पता है कि कोलंबस ने अमरीकी महाद्वीप की खोज की थी। इसीलिए चारों ओर उसकी प्रसिद्धि फैल गई थी। वापिस आने पर कोलंबस का हर जगह सम्मान किया गया। एक सम्मान समारोह में कोलंबस का सम्मान होने के बाद किसी आलोचक ने कोलंबस की आलोचना करते हुए कहा कि कोलंबस ने अमरीका की खोज करके कोई बड़ा काम नहीं किया। सोचा जाए तो बड़ा आसान काम है। अटलांटिक पार किया तो अमरीका आ गया। भला इतने काम के लिए सम्मान देने की क्या ज़रूरत थी। खाना खाने के बाद कोलंबस ने उस आलोचक को इस बात का जवाब देने के लिए सभी को बुलाया। उन्होंने एक उबला हुआ अंडा मेज पर रखकर कहा, ‘आप में से कौन इस को सीधा खड़ा कर सकता है। कुछ लोगों ने कोशिश की लेकिन अंडा सीधा नहीं खड़ा हो सका। जब ऐसा कोई नहीं कर सका तो कोलंबस ने अंडे का एक सिरा अंगुली से दबाकर समतल किया और मेज़ पर खड़ा कर दिया। कहा देखो, अंडा सीधा खड़ा हो गया, कितना आसान था लेकिन कोई नहीं कर सका। यह भी मैं ही कर सका हूं, वो भी समझदारी के साथ इसलिए महत्त्व समझदारी का है। यह देखकर वह आलोचक वहां से चला गया।

—डी.आर. बंदना