पुतले के दहन और पटाखों के कारण नहीं सुनी ट्रेन की आवाज़

अमृतसर, 20 अक्तूबर (भाषा) : अमृतसर ट्रेन दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रावण पुतले का दहन, पटाखों की आवाज और जश्न के माहौल के चलते लोगों ने तेजी से आ रही ट्रेन पर ध्यान नहीं दिया तथा कुछ ही सेकेंड में रेल पटरी पर शव बिखर गए। घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, मैं रावण के पुतले का दहन देख रहा था और अचानक एक तेज आवाज आयी। कुछ ही सेकंड में महिलाओं, बच्चों और पुरूषों के शव पटरी पर पड़े थे। वह बहुत दिल दहलाने वाला पल था। एक अन्य स्थानीय गुरप्रीत ने कहा, हम सभी दशहरा का जश्न देखने में व्यस्त थे। पटाखों की आवाज में ट्रेन आने की आवाज दब गई और हम कुछ सेकेंड तक समझ ही नहीं सके कि हुआ क्या है।  एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी सूरज प्रकाश ने कहा कि जालंधर..अमृतसर ट्रेन से कई लोगों के कुचले जाने से कुछ मिनट पहले ही अमृतसर से हावड़ा जा रही एक अन्य ट्रेन भी दूसरी रेल पटरी से गुजरी थी लेकिन उससे किसी को नुकसान नहीं हुआ। सूरज ने कहा, यह कैसे संभव हो सकता है कि कुछ मिनट पहले वहां से गुजरी ट्रेन से कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन एक अन्य ट्रेन ने कई बेगुनाह लोगों को कुचल लिया। उन्होंने कह, यह (जालंधर से अमृतसर) ट्रेन चालक की गलती थी। ट्रेन के गुजरने के बाद सभी जगह से लोगों की चीख पुकार सुनी गई। ट्रेन से कुचले गए अधिकतर लोगों में उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर थे। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकतर मजदूर दुर्घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित एक औद्योगिक क्षेत्र में काम करते हैं।