विश्व शांति के लिए अहम संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ


विश्व शांति और विश्व कल्याण के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई और प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
पहले विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक चला। पहले विश्व युद्ध के बाद अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन की प्रेरणा से 10 जनवरी, 1920 को राष्ट्र संघ की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य भविष्य में विश्व युद्ध रोकना था परन्तु राष्ट्र संघ असफल रहा और दूसरे विश्व युद्ध (1939 से 1945) से संगठन समाप्त हो गया।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद हुई यालटा बैठक के ़फैसले के अनुसार 25 अप्रैल से 26 जून, 1945 तक सेन फ्रांसिस्को में संयुक्त राष्ट्र का सम्मेलन आयोजित हुआ। सम्मेलन ने जर्मनी के आत्म समर्पण से पूर्व ही संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र पर विचार शुरू कर दिया था। जापान के आत्म-समर्पण से पहले 26 जून को 50 देशों ने, जिनमें भारत भी शामिल था, एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। पोलैंड सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सका था परन्तु कुछ ही समय बाद चार्टर पर हस्ताक्षर करके वह भी संस्थापक सदस्यों की सूची में शामिल हो गए। यह घोषणा-पत्र 24 अक्तूबर, 1945 से प्रभावी हो गया। संयुक्त राष्ट्र घोषणा-पत्र की मूल लिखित अमरीका के राष्ट्रपति पुरालेखागार में सुरक्षित रखी गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में 10 हज़ार शब्द, 111 धाराएं और 119 अध्याय है।
अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने संयुक्त राष्ट्र का नाम प्रस्तावित किया। भारत की तरफ से चार्टर और रामास्वामी मुदालीयर ने हस्ताक्षर किए। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में अहम योगदान अमरीका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल और रूस के प्रमुख स्टालिन का रहा।
संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसम्बर, 1947 को झंडा स्वीकार किया। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय मान्यता प्राप्त भाषाओं की संख्या चार थी, अंग्रेज़ी, फ्रैंच, रूसी और चीनी और 1973 में 2 अन्य भाषाएं अरबी और स्पैनिश को जोड़ा गया। कार्य करने के लिए अंग्रेज़ी (ब्रिटिश अंग्रेज़ी) और फ्रैंच का प्रयोग किया जाता है। मौजूदा समय संयुक्त राष्ट्र का मुख्य कार्यालय न्यूयार्क में है।
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंग हैं महासभा (जनरल असैम्बली), सुरक्षा परिषद् (सिक्योरिटी कौंसिल), आर्थिक और सामाजिक परिषद् (इकोनोमिक एंड सोशल कौंसिल), अंतर्राष्ट्रीय अदालत (इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) और सचिवालय (सक्रेट्रिएट) आदि हैं।
महासभा में सदस्य देशों का एक समान प्रतिनिधित्व होता है। शुरू में 51 देश सदस्य थे जबकि वर्तमान समय के दौरान इसके सदस्य देशों की संख्या 193 है। संयुक्त राष्ट्र का 193वां सदस्य देश दक्षिण सूडान है जोकि 14 जुलाई, 2011 में सदस्य बना। महासभा की अध्यक्षता एक महासचिव द्वारा की जाती है जोकि सदस्य देशों और 21 उप-प्रधानों द्वारा चुने जाते हैं। महासभा में साधारण मुद्दों के फैसले लेने के लिए दो तिहाई बहुमत ज़रूरी होता है। महासभा की बैठक प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह में होती है। महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित थीं जोकि भारतीय थीं।
सुरक्षा परिषद् को दुनिया का पुलिस मैन भी कहा जाता है। सुरक्षा परिषद् में अमरीका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन पांच स्थायी सदस्य हैं। इसके अलावा 10 अन्य अस्थायी सदस्यों का चुनाव साधारण सभा करती है और इनका कार्यकाल 2 वर्ष का होता है। स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार प्राप्त है। वीटो का सबसे अधिक प्रयोग रूस ने किया है।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत हेग (हालैंड) में स्थित है। संयुक्त राष्ट्र संघ की अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित कुछ विशेष एजेंसियां और स्वतंत्रत संस्थाएं भी हैं जैसे कि यूनिसेफ, यूनेस्को, अंतर्राष्ट्रीय मौनिटरी फंड, एफ.ए.ओ., आई.ए.ई.सी., आई.एम.ओ., यू.एन.ई.पी., आई.टी.यू., डब्ल्यू. टी.ओ., डब्ल्यू.एफ.पी., डब्ल्यू.आई.पी.ओ., विश्व मौसम संगठन, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन, संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन, अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर संघ, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि जोकि अलग-अलग क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण योगदान डाल रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। मौसमी बदलाव, लोकतंत्र, शरणार्थी और अप्रवासी, विश्व स्वास्थ्य संकट, आतंकवाद के साथ मुकाबला और अन्य विश्वव्यापी समस्याओं और मुद्दों पर सकारात्मकता के साथ अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
-गांव व डाक. बरड़वाल लम्मा पत्ती, 
तह. धूरी (संगरूर)