दुनिया का सबसे बड़ा डायनासोर है शहर ड्रम हैलर कनाडा में

कनाडा का भव्य शहर है ड्रम हैलर। यहां लघु पहाड़ियों में प्रकृति की कृपा दृष्टि मालामाल है। इस शहर में दुनिया का सबसे बड़ा डायनासोर है। यह स्थान खास करके बच्चों के आकर्षण का केन्द्र है। यहां बच्चे आकर सम्मोहित हो जाते हैं। ड्रम हैलर शहर जाने के लिए कनाडा के शहर एडमिंटन, रैड-डीयर, कैलगरी से आसानी के साथ कार, टैक्सी, ट्रेन या हवाई जहाज पर जाया जा सकता है।इस शहर का निर्माण आधुनिक, विज्ञानिक शैली, शिल्प तथा प्राचीन पृष्ठभूमि के अनुसार तैयार किया गया है। यह शहर यहां अनेक सृजनशील क्रियाओं से प्रसिद्ध है वहां यह डायनासोर के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस शहर के प्रत्येक चौक-चौराहे में आप को डायनासोर का दीर्घ तथा लघु डायनासोर स्टैयू मिलेगा। यहां कई सौ डायनासोर के स्टैयू मौजूद हैं। दुनिया का सबसे बड़ा डायनासोर का स्टैचू एक ऊंची गुफा (सुरंग) की भांति बनाया गया है। बाहर से एक बहुत बड़ा डायनासोर नज़र आता है, परन्तु इसके भीतर मुंह तक रंगदार गुफानुमा सीढ़ियां हैं, जो उसके मुंह तक जाती हैं। इस डायनासोर में लगभग 106 सीढ़ियां हैं, जो पैरों से लेकर मुंह के फैलाव तक बीचों-बीच जाती हैं। डायनासोर का यह स्टैचू पैरों के ऊपर खड़ा आसमान की दिशा की ओर स्थिर है। इसका भीतरी भाग इसके हू-व-हू जिस्म के रंगों से मिलता-जुलता बनाया गया है। मांस के रंग जैसा भीतरी भाग है, सीढ़ियां भी मांस के रंग जैसी हैं। आप महसूस करेंगे कि आप जीवित डायनासोर के जिस्म से गुज़र रहे हैं। डायनासोर के भीतरी भाग में उसकी मांसपेशियां (चर्बी), धमनियां, सिरायें चर्बी इत्यादि के रंग-रूप, शैली, शिल्प जैसी बनाई गई हैं।
सीढ़ियों के रास्ते में कुछ-कुछ की दूरी पर ‘ठहरन स्थान’ बनाए हुए हैं। यहां लोग रुक सकते हैं, विश्राम कर सकते हैं या बैंच पर बैठ सकते हैं। जैसे डायनासोर के पेट में कोई रास्ता या सड़क जा रही हो। इसका भीतरी भाग उतराव-चढ़ाव वाला तथा विज्ञानिक कलाकारी का एक नायाब नमूना है। दुर्लभता तथा श्रेष्ठता का अनूठा तिलिस्म।  इसकी सीढ़ियां चढ़ कर इसके खुले मुंह तक जाओगे तो उसके मुंह का आकार एक बड़े कमरे जैसा खुला है, जिसमें खड़े होकर आप कई मील दूर के भव्य-आकर्षक दृश्य नज़ारे देख सकते हैं। इसके मुंह के फैलाव में कई व्यक्ति खड़े हो सकते हैं। इसके मुंह में एक जालीदार जंगला बना हुआ है, जिसमें आप सुरक्षित खड़े होकर दूर-दूर के अनेकानेक सुन्दर मर्मस्पर्शी दृश्य अपने कैमरे में तथा हृदय-मस्तिष्क में सदैव कैद कर सकते हैं। डायनासोर के सबसे पहले (अवशेष) चिन्ह इस क्षेत्र में मिले थे। जबाड़े तथा हड्डियों के चिन्हों (अवशेष) को एक बड़े अजायब घर में संभाल कर रखा हुआ है। यहां लोग इनको जिज्ञासा तथा उत्साह से देखते हैं।ड्रम हैलर को ‘डायनासोर कैपिटल’ भी कहते हैं। लाखों वर्ष पहले यह क्षेत्र जाना-पहचाना क्षेत्र था, क्योंकि यहां तरह-तरह के विभिन्न श्रेणी-जातियों के पौधे पाए जाते थे। यहां डायनासोर रहना पसंद करते थे और वे इस क्षेत्र के जलवायु वातावरण में खुश रहते थे। हालात तथा समय की करवट से इन जानवरों (डायनासोर) की नस्ल खत्म होती चली गई और इस क्षेत्र की ओर केवल उनके शरीर के पिंजर ही रह गए। विज्ञानिक अविष्कार से पता चला कि इस क्षेत्र की ओर डायनासोर जाति के जानवर रहते थे। लगभग 1880 के करीब इनके अस्तित्व का पता चला तो केवल पिंजर चिन्ह ही मिले। सबसे पहले ‘टायरल’ नाम के व्यक्ति ने इस क्षेत्र का आविष्कार किया, सबसे पहले वो यहां आया। उसको ज्ञान हुआ कि इस क्षेत्र में डायनासोर रहते थे। एक अनुमान के अनुसार लगभग 11,000 वर्ष पहले इस क्षेत्र की ओर डायनासोर मौजूद थे। इस क्षेत्र में तेल तथा कोयले की खानों के भण्डार भी मौजूद थे। इस क्षेत्र को अल्बर्टा सोरू के नाम से भी ख्याति प्राप्त हुई। यहां की प्रसिद्ध ‘रैंड-डीयर वैली’ के नज़दीक बर्फ के बड़े-बड़े ग्लेशियर की तादाद बहुत ज्यादा थी, जिन्होंने पिघल कर दूर-दूर तक अनेक घाटियों-वादियों का अस्तित्व पैदा कर दिया। इस क्षेत्र की ओर घूमने, सैर-सपाटे (पर्यटकों) के लिए आए लोगों ने भी डायनासोर के अवशेष देखे थे, जिससे आविष्कार सम्भव हुआ। कैलगरी शहर में ड्रम हैलर को 1913 के करीब रेलवे सफर से जोड़ा गया तथा आहिस्ता-आहिस्ता धंधायुक्त लोग इस क्षेत्र की ओर आकर रहने लगे।  जिन लोगों को यह क्षेत्र अच्छा या काम मिल जाता यहां ही रहने लगते। लगभग 1911 के करीब कोयले के शिप (जहाज) लोड होते रहे तथा कनाडा के शहरों में जाते रहे। यह भी एक अद्भुत घटना है या वाक्या है कि ‘ड्रम हैलर’ शहर का नाम कब, कैसे, क्यों पड़ा? इस क्षेत्र की ओर ‘सैमूयल ड्रम हैलर’ नाम के एक व्यक्ति ने ज़मीन खरीदी। उसने यह ज़मीन नैशनल रेलवे को बेच दी नया शहर बनाने के लिए। सैमूयल ड्रम हैलर तथा एक और व्यक्ति ने अपने नामों का सिक्का टास किया कि जिसका नाम टास में सही आयेगा उसके नाम पर इस क्षेत्र का नाम होगा। टास सैमूयल ट्रम हैलरे ने जीता और उसके नाम पर इस क्षेत्र का नाम ‘ड्रम हैलर’ रख दिया गया। इस क्षेत्र में 1971 से 1979 के समय दौरान लगभग 139 कोयले की खानें पंजीकृत हुईं और लगभग 56 लाख टन कोयला शिप (जहाज़) के जरिये कनाडा में भेजा? कोयले की खानों में नौकरी करना एक खतरनाक धंधा था। इस कोयले की खानों में कई मज़दूरों की मौतें हुईं। उनकी याद में 224, सैंट्रल स्ट्रीट में एक यादगार स्थापित कर दी गई है जो ‘एटलस कोल माईन नैशनल हिस्टोरिकल साईट’ के नाम से प्रसिद्ध है। लगभग 1979 में यह आखिरी कोयले की खान थी। इस स्थान को भी देखने के लिए हज़ारों लोग आते हैं। आजकल यह क्षेत्र डायनासोर की विश्व प्रसिद्धि के लिए तथा खेतीबाड़ी (कृषि उद्योग) उद्योग का सबसे बड़ा केन्द्र है। तेल तथा गैस के भण्डार के अतिरिक्त कृषि उद्योग का दीर्घ केन्द्र है। आजकल यह क्षेत्र विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तथा मनोरंजन का भव्य स्थान बन चुका है। यहां विश्व प्रसिद्ध डायनासोर का ‘टायरल म्यूज़ियम’ भी है। यहां डायनासोर से संबंधित अनेक अवशेष, चिन्ह, चित्र इत्यादि मौजूद हैं। अमीर संस्कृति की भव्य कृतिवाला यह क्षेत्र खूबसूरत शीतल मौसम तथा अनेक मनोरंजक क्रियाओं का मनमोहक स्थान है। इस क्षेत्र को आधुनिक संवेदनशीलता के विकास करके जन्नत का नाम दिया गया है, क्योंकि सुन्दर नर-नारी, विज्ञान, कुदरत तथा स्वाद के मिश्रण को ही जन्नत कहते हैं। 

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