गुरु साहिबान का अपमान करने के लिए सरकार विरुद्ध शुरू करेंगे संघर्ष : सुखबीर

चंडीगढ़, 29 अक्तूबर (विक्रमजीत सिंह मान): शिरोमणि अकाली दल कोर कमेटी की बैठक आज चंडीगढ़ में दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्होंने कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तकों में जानबूझकर व लगातार गुरु साहिबान का अपमान करने के लिए कांग्रेस व पंजाब सरकार को माफी मांगने के लिए मजबूर करने के लिए बड़ा संघर्ष किया जाएगा। बैठक के बाद सुखबीर सिंह बादल ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि सिख गुरु साहिबान पर सरेआम हमला करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व कांग्रेस सरकार के घुटने टिकाने के लिए संघर्ष शुरू करने से पहले पार्टी नेताओं द्वारा 1 नवम्बर को श्री अकाल तख्त साहिब में अरदास की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस गलती को तुरंत संशोधन करने की मांग को स्वीकार न किया तो अकाली दल का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक कांग्रेस सरकार सिख पंथ की ताकत के आगे घुटने नहीं टेकती। बैठक संबंधी जानकारी देते हुए पार्टी के प्रवक्ता हरचरन बैंस ने बताया कि लगभग चार घंटे चली इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जत्थेदार गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने विशेष तौर पर भाग लिया। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि यकीन नहीं आता कि पंजाब सरकार से इतिहास की पुस्तकों में से सिख धर्म की बेअदबी वाले हिस्से जबरदस्ती बाहर निकलवाए जाने के बाद दोबारा इतिहास की इतनी भारी बेअदबी वाले हिस्से पुस्तकों में शामिल किए गए हैं जिससे स्पष्ट होता है कि यह लापरवाही में हुई गलती नहीं थी बल्कि एक गहरी साज़िश के तहत कांग्रेस सरकार महान गुरु साहिबान के इतिहास को तबाह करने की कोशिश कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. दलजीत सिंह चीमा द्वारा कोर कमेटी सदस्यों को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की पुस्तकों में पेश किए सिख इतिहास के यह हिस्से पढ़कर सुनाए गए। इसी दौरान कोर कमेटी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना, स्व. ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बलबीर सिंह ग्रेवाल, पूर्व विधायक गुरदेव सिंह सिद्धू व जत्थेदार लाभ सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव भी पारित किया। आज की बैठक में फैडरेशन के कुछ नेताओं को भी विशेष तौर पर निमंत्रण दिया गया था। बैठक में टकसाली नेताओं की चल रही नाराज़गी व अकाली दल की मौजूदा स्थिति पर पार्टी को मजबूत करने के लिए भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में मौजूद नेताओं द्वारा सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में विश्वास रखते हुए रूठे नेताओं को मनाने के लिए नीति बनाने की बात की गई। कुछ नेताओं द्वारा पार्टी से बागी चल रहे नेताओें बारे भी कोई फैसला लेने की बात की गई। इस बैठक में अन्यों के अलावा पूर्व एस.जी.पी.सी. अध्यक्ष प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर व जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़, जत्थेदार तोता सिंह चंदूमाजरा, महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल, जनमेजा सिंह सेखों, बीबी उपिंदरजीत कौर, सिकंदर सिंह मलूका, शरनजीत सिंह ढिल्लों, बीबी जगीर कौर, गुलज़ार सिंह रणीके, हीरा सिंह ज़ीरा, बिक्रम सिंह मजीठिया, सुरजीत सिंह रक्खड़ा, डा. दलजीत सिंह चीमा, बलदेव सिंह मान, विरसा सिंह वल्टोहा, हरचरन बैंस, शिरोमणि कमेटी सदस्यों राजिंदर सिंह मेहता, अमरजीत सिंह चावला व गुरचरन सिंह ग्रेवाल भी मौजूद थे।