फैड्रलवाद व स्वायत्तता कन्वेंशन में संघीय ढांचे के पक्ष में सभी पक्षों को एक मंच पर एकत्र होने का दिया समर्थन

चंडीगढ़, 1 नवम्बर (अजायब सिंह औजला): पटियाला से सांसद डा. धर्मवीर गांधी के नेतृत्व में स्वायत्तता विषय पर भकना भवन चंडीगढ़ में एक बड़े समारोह का आयोजन किया गया। डा. गांधी ने आरंभ में स्वागती शब्द कहे तथा संघवाद तथा स्वायत्तता के संकल्प की पंजाब व अन्य भारतीय राज्यों के लिए महत्व पर प्रकाश डाला। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफैसर प्रीतम सिंह ने अपने कुंजीवत भाषण में कहा कि भारत एक बहुराष्ट्रीय देश है तथा इस सच्चाई को हर क्षेत्र में राजनीतिक मान्यता से ही भारत आगे बढ़ सकता है। उन्होंने पंजाबियों की एकता को पंजाब की खुशहाली के लिए ज़रूरी कहा। उन्होंने कहा कि ताकतों को राज्यों में बांटने को स्वीकृत न करने के कारण ही भारत का विभाजन हुआ था तथा उन्होंने इसलिए कांग्रेस व इसके नेताओं को मुहम्मद अली जिनाह से भी अधिक ज़िम्मेवार बताया। बंगाल से आए बंगला पोखो के नेता गार्गा चैटर्जी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि समानता व स्वैमान विभिन्नता में एकता के लिए ज़रूरी है। उन्होंने याद दिलाया कि भारतीय संघ किसी एक भाषा या धर्म के आधार पर नहीं बना था। उन्होंने यह भी कहा कि 1947 का विभाजन वास्तव में पंजाब व बंगाल का ही विभाजन था। तमिलनाडु से आए सेनथिल नाथन ने कहा कि क्षेत्र, राज्य, संघ आदि शब्दों की असली भावना बारे प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पंजाबी, तमिल व कई भारतीय भाषाएं कितने देशों में सरकारी भाषा का दर्जा रखती हैं इसलिए इनको क्षेत्रीय भाषाएं कैसे कहा जा सकता है। ‘अजीत’ के सतनाम सिंह माणक ने भारतीय भाषाओं की दिनों-दिन दयनीय हो रही हालत की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि यदि भाषा ही मर जाती है तो किसी समूह की पहचान, सभ्याचार, आर्थिकता सब कुछ बड़े नुक्सानों की भेंट चढ़ जाता है। मराठी अभ्यास केन्द्र के प्रतिनिधि मुम्बई यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान के प्रो. दीपक पवार ने सरकारिया कमिशन व पूंजी कमिशन की सिफारिशों के महत्व की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने राज्यपाल जैसी उपनिवेशक पदवियों को समाप्त करने के लिए कहा तथा राज्यसभा में सभी राज्यों की प्रतिनिधिता समान करनी ज़रूरी बताया। प्रो. दीपक पवार ने स्वायत्तता व अलगवाद की धाराओं के अंतर को समझने के लिए कहा तथा कहा कि इस अंतर से सचेत रहने के लिए खास तौर पर बात की। सुप्रीम कोर्ट के सिरमौर वकील प्रशांत भूषण व जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रो. बलबीर अरोड़ा के वीडियो संदेश की समारोह में साझे किए गए। सभी प्रवक्ताओं ने केन्द्र-राज्य प्रबंधों की पुन: जांच व ताकतों के संतुलन के लिए मुहिम चलाने की ज़रूरत  पर ज़ोर दिया। समारोह में पंजाब के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने शिरकत की। मंच का संचालन पंजाब सहित सेवाओं के पूर्व डिप्टी डायरैक्टर डा. जगजीत सिंह चीमा ने किया तथा पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रो. रौनकी राम ने धन्यवादी शब्द कहे। इस अवसर पर आप पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा, कंवर संधू, जगदेव सिंह कमालू, मास्टर बलदेव सिंह ने भी शिरकत की। पूर्व आई.एफ.एस. अशोक कुमार शर्मा, पूर्व उपकुलपति डा. जोगिन्द्र पवार, सुखदेव सिंह, मातृ भाषा के लिए सक्रिय डा. जोगा सिंह। पंजाब मंच द्वारा अन्यों के साथ-साथ प्रो. मलकीयत सिंह सैनी, सुमीत सिंह भुल्लर, गुरप्रीत गिल, हरमीत कौर बराड़, सतनाम दाऊं व पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट राजविन्द्र सिंह बैंस आदि भी शामिल थे।