इनैलो का दो भागों में बंटना तय, 17 को हो सकता है ऐलान

चंडीगढ़, 10 नवम्बर (राम सिंह बराड़) : इनेलो ने बढ़ रहे टकराव से एक बात साफ हो गई है कि इनेलो दो हिस्साें में बंटने जा रही है और 17 नवम्बर को होने वाली पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में इसका ऐलान होने के आसार हैं। इसी बीच, इनेलो से कथित तौर पर निष्कासित युवा सांसद दुष्यंत चौटाला ने आज चंडीगढ़ में अपने निलंबन पर सवाल उठाया और पार्टी के कुछ नेताओं को जयचंद की संज्ञा देते हुए उन पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया। इनेलो में पैदा हुए विवाद के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए दुष्यंत चौटाला ने विरोधियों में से बिना किसी का नाम लिए जमकर प्रहार किए और गोहाना रैली से लेकर अब तक के पूरे घटनाक्रम का विस्तृत ब्यौरा भी दिया। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल द्वारा पार्टी घटनाक्रम के मामले में हस्तक्षेप करने संबंधी सवाल के जवाब में दुष्यंत ने कहा कि वह हमारे परिवार से सबसे बड़े हैं और मेरे पिता डॉ. अजय चौटाला जी ने, मैंने और दिग्विजय चौटाला ने अभिवादन कर उनसे दीपावली पर आशीर्वाद लिया था। दुष्यंत ने कहा कि गोहाना की ऐतिहासिक रैली में लोगों में जोश और उत्साह था। रैली में लगे नारों को हुड़दंगबाजी का रूप देकर पहले उन्हें निलंबित किया गया और फिर मीडिया से उन्हें पता चला कि उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन्हें सज़ा होने के बाद मैंने, दिग्विजय व उनकी माता नैना चौटाला ने देवीलाल की विचारधारा को घर-घर पहुंचाने का काम किया। उन्होंने विरोधियों का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ जयचंद ऐसे भी हैं जो इस प्रयास में थे कि इस संघर्ष को व पार्टी को तोड़ा जाए।  युवा सांसद ने कहा कि अगर मैं इनेलो से निष्कासित हूं तो अभी तक इनेलो सुप्रीमों द्वारा हस्ताक्षरित मेरे निष्कासन का पत्र सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा। इसके पीछे गहरे षड़यंत्र के संकेत लगते हैं। आज तक न तो कोई अनुशासन कमेटी की कोई औपचारिक बैठक हुई और मुझे नहीं लगता कि इनेलो सुप्रीमों ने उनके निष्कासन बारे कोई पत्र जारी किया होगा। दुष्यंत ने कहा कि वे पाटी संसदीय दल के नेता थे और इस नाते पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पीएसी के भी सदस्य थे। इसके बावजूद मुझे पार्टी कार्यालय ने कभी किसी बैठक का निमंत्रण नहीं दिया। उन्होंने उनके भावी मुख्यमंत्री होने के नारों बारे पूछे सवाल पर कहा कि वे हिसार लोकसभा क्षेत्र में ही सक्रिय हैं और लोकसभा का ही चुनाव लड़ेंगे। अजय के साथ रहने वाले लोगों को बैठकों व रैलियों में किया जाता था अपमानित :  उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग पार्टी में जयचंद बने हुए हैं और षड़यंत्र रचकर पार्टी के  निष्ठावान कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर करने की साजिश कर रहे हैं और अजय सिंह चौटाला के साथ रहने वाले लोगों को बैठकों व रैलियों में अपमानित करने का प्रयास किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि जहां भी वे, दिग्विजय या नैना चौटाला कोई कार्यक्रम करते थे तो वर्करों को यह कहकर रोका जाता था कि यह पार्टी की गतिविधि नहीं है। उन्होंने कहा कि 17 नवम्बर को इनेलो के प्रधान महासचिव डॉ. अजय सिंह चौटाला ने पार्टी की बैठक बुलाई है जिसमें विचार विमर्श करके पूरे घटनाक्रम पर भावी रणनीति तैयार की जाएगी। संसदीय दल का नेता होने के नाते उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी ही निकाल सकती थी : अपने निष्कासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि संसदीय दल का नेता व सांसद होने के नाते उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी अथवा ओम प्रकाश चौटाला की अध्यक्षता में गठित कमेटी ही उनके खिलाफ कार्यवाही करके बाहर निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर चौ. ओम प्रकाश चौटाला उन्हें कोई आदेश देंगे तो वे उस आदेश को पार्टी के मुखिया का आशीर्वाद मांगकर स्वीकार कर लेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी किसी व्यक्ति विशेष की नहीं बल्कि संगठन कार्यकर्ताओं के बल पर ही होता है।पत्रकार सम्मेलन में कई विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे मौजूद : सांसद ने पत्रकार वार्ता में मौजूद नरवाना से विधायक पिरथी नंबरदार, उकलाना से विधायक अनूप धानक, पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलवती, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. केसी बांगड़, पूर्व मंत्री जगदीश नैय्यर, पूर्व विधायक सरदार निशान सिंह, पूर्व विधायक रमेश खटक, पूर्व विधायक मक्खन सिंह, एससी सैल के प्रदेशाध्यक्ष अशोक शेरवाल, अंबाला से हरपाल कंबोज, जींद जिला के प्रधान रहे कृष्ण राठी, हिसार के पूर्व प्रधान राजेंद्र लितानी,  पूर्व युवा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र सांगवान का नाम लेते हुए कहा कि क्या ये सब कांग्रेसी हैं या कांग्रेसी पेड वर्कर हैं। जननायक सेवा दल गैर राजनीतिक संगठन : दुष्यंत ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि जननायक सेवा दल वर्ष 2002 से डा. अजय चौटाला द्वारा गठित सामाजिक दल है जिसने गुजरात भूकंप में भी अपने स्वयंसेवक भेज कर लोगों की मदद की थी। यह पूरी तरह से गैर राजनैतिक संगठन है जिसका कोई भी सदस्य सदस्यता ग्रहण के प्रथम पांच वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकता।