2 वर्ष बाद पॉसिंग करवानी पड़ेंगी नई गाड़ियां

जालन्धर, 11 नवम्बर (शिव शर्मा) : एमबीआई के कार्यालयों में अब तक तो आती नई कमर्शियल गाड़ियों की पॉसिंग करवानी पड़ती है परन्तु इस नियम सहित केन्द्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर-व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए नए नियम बना दिए हैं, जिनमें नई गाड़ियों की 2 साल के लिए पॉसिंग करवाने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि अब तक नई व्यापारिक गाड़ियों को पॉसिंग करवानी पड़ती है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जब नई गाड़ियां निकलती हैं तो उस समय ठीक होने की हालत में किसी तरह के कोई प्रमाण-पत्र की ज़रूरत नहीं होती है। गाड़ी को 2 साल के लिए ठीक माना जाएगा। 2 साल तक गाड़ियों की पॉसिंग से राहत मिलने से ट्रक कारोबारियों को इससे राहत मिलने की संभावना है जो कि 2 नई गाड़ियां निकालने के बावजूद दुविधा में पड़े रहते थे। सिर्फ यही नहीं मंत्रालय की नई नोटिफिकेशन में मोटर-व्हीकल एक्ट में कई तरह के संशोधन किए गए हैं। पहले तो कई गाड़ियों के हादसे में ज़िम्मेदार होने के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिलती थी। नई जारी नोटिफिकेशन में अब कहा गया है कि ट्रकों में जिस तरह से पहले गति न बढ़ने के लिए देने के लिए स्पीड़ गवर्नर  लगाने की हिदायत दी गई थी व अब इस तरह से गाड़ियों का पता लगाने के लिए ट्रैकिंग प्रणाली लगानी जरूरी की है। राष्ट्रीय परमिट या एन/पी बड़े अक्षरों में गाड़ियों के आगे व पीछे लिखवाया जाएगा ट्रेलर की दशा में एन/पी शब्द गाड़ी के पीछे बाईं तरफ लिखवाया जाएगा। खतरनाक व जरूरी सामान ढोने वाले टैंकरों को सफेद रंग से रंगा जाएगा। एक्ट में अन्य जो संशोधन किए गए हैं उनमें कहा गया है कि यदि किसी खास राज्य द्वारा पाबंदी हो तो गाड़ी एक राज्य व दो स्थानों से सामान उठाएगी व न ही उतारेगी। केन्द्र ने चाहे मोटर-व्हीकल एक्ट में कई नए संशोधनों वाली नोटिफिकेशन जारी कर दी है पर अब इसका राज्यों को ही फैसला करना है कि यह नए नियम कब से लागू किए जाते हैं पर यह संभावना बताई जा रही है कि नए नियमों को अगले साल तक लागू कर दिया जाएगा। पंजाब ट्रक आप्रेटर यूनियन के प्रधान हैप्पी संधू व ट्रांसपोर्ट विंग के चेयरमैन रविन्द्र सिंह धालीवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार के पास जो मांगें रखी थीं उनमें गाड़ियों की पॉसिंग एक साल की 2 साल तक न करने व गाड़ियों में दो की एक ड्राईवर रखने की राहत देने की मांग की थी जो कि मांगें मान ली गई हैं। जबकि केन्द्र ने महत्वपूर्ण मांगें नहीं मानी हैं, जिनके कारण ट्रक आप्रेटरों में नाराजगी है। महत्वपूर्ण मांगों में से 10 गाड़ियों से कम गाड़ियां रखने वाले मालिकों के लिए वार्षिक 90 हज़ार रुपये आयकर भरने की राहत देने का भरोसा दिया गया था पर अब ट्रक आप्रेटरों को प्रति टन 1 हजार व आयकर देने की हिदायत दी गई है व टोल प्लाज़ा की फीस भी कम नहीं की है। उन्होंने कहा कि बाकी मांगें भी केन्द्र को मानने के लिए काम करना चाहिए।