सी.बी.आई. विवाद: सी.वी.सी. ने न्यायालय को सीलबंद लिफाफे में सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट

नई दिल्ली 12 नवम्बर (भाषा, जगतार सिंह) : केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने सोमवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक कुमार वर्मा से संबंधित मामले में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को सौंपी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने रिपोर्ट रिकार्ड पर लेने के बाद इस मामले की सुनवाई 16 नवम्बर के लिए निर्धारित कर दी। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव ने उनके द्वारा 23 से 26 अक्तूबर के दौरान लिये गये फैसलों के बारे में अपनी रिपोर्ट भी पेश की। शीर्ष अदालत ने 26 अक्तूबर को ही केन्द्रीय सतर्कता आयोग की जांच का आदेश दिया था। केन्द्रीय सतर्कता आयोग की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को सूचित किया कि 10 नवम्बर को पूरी हुई जांच की निगरानी शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए के पटनायक ने की। प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि रजिस्ट्री रविवार को खुली थी परंतु उसे रिपोर्ट दाखिल करने के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई। सालिसीटर जनरल ने बाद में क्षमा याचना की और कहा कि वह रिपोर्ट दाखिल करने में उनकी ओर से हुए विलंब की परिस्थितियों पर स्पष्टीकरण नहीं दे रहे हैं। शीर्ष अदालत ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग की जांच की निगरानी के लिए 26 अक्तूबर को न्यायमूर्ति पटनायक को नियुक्त किया था। न्यायालय ने आलोक वर्मा की याचिका पर केन्द्र और सतर्कता आयोग को नोटिस जारी करके जांच ब्यूरो के निदेशक के अधिकारों से उन्हें वंचित करने और अवकाश पर भेजने के सरकार के फैसले पर जवाब मांगा था।