पंजाब में अघोषित वित्तीय एमरजैंसी लागू


फिरोज़पुर, 13 नवम्बर (जसविन्द्र सिंह संधू): पंजाब के ़खजाने की वित्तीय हालत अब इतनी पतली पड़ गई है कि पंजाब के समूह ़खजाना कार्यालयों को कोई भी बिल पास न करने के आदेश द़ाग दिऐ गए है। इन जुबानी हुक्मों से पंजाब में अघोषित वित्तीय एमरजैंसी जैसे हालात बन गए है। ़खजाना कार्यालयों से प्राप्त विवरणों अनुसार सरकार द्वारा हर प्रकार की अदायगी के अगले हुक्मों तक रोक है। डी.ए. का बकाया देने पर जुलाई 2018 पर ही रोक लगी हुई है, पर ़खजाना कार्यालय अन्दर करोड़ों रुपए के बिल धूल में मिल गए है, पर अदायगी नहीं हो रही। सेवा मुक्त कर्मचारियों के विभिन्न किस्म के बकाया बिल, मैडीकल खर्चे और अन्य कार्यालय खर्चो का कोई बिल्ल पास नहीं किया जा रहा है। कुछ ़खजाना अधिकारियों ने जिक्र किया कि मुलाज़िमों को अक्तूबर महीने की अदायगी कैसे हुई है, वह सबके सामने ही है। बेशक वेतन बिलों पर अभी रोक नहीं, पर यह अदायगी बड़ी मुश्किल के साथ हो सकेगी। पंजाब के 4 लाख मुलाज़िम की 4 डी.ए. की किशते सरकार ने रोक रखी है। मुलाज़िम जत्थेबंदियों का गुस्सा सरकार प्रति लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि सरकार ने आई.ए.एस. अधिकारियों के वेतन तो सांतवें वेतन कमिशन अनुसार संशोधन के लिए दिया है, उनको समय पर डी.ऐ की किश्त भी दी जा रही है। मुलाज़िम वर्ग का कहना हैं कि बड़ी अ़फसरशाही पर राजनीतिक लोगों का आपसी गठजोड़ है, क्योंकि सरकार इनको खुश रखती है और यह भी जब चाहे मनमर्जी खर्चो के प्रस्ताव ़खजाने से पास करवा लेते है। मुलाज़िम जत्थेबंदियों का गुस्सा तो इस हद तक बढ़ रहा है कि वह अब पंजाब सरकार से कोई उम्मीद न होती देख कर दिल्ली जाने के लिए कमर कस रहे है। सूत्रों अनुसार कच्चे व ठेका मुलाज़िम और शेष जत्थेबंदियों पंजाब सरकार की कारनामे गिनवाने के लिए राहुल दरबार डेरा लाने का प्रोग्राम बना रही है। मौजूदा स्थिति में मुलाज़िमों से सरकार का टकराव बढ़ने के आसार बन रहे है, अब देखना यह होगा कि सरकार इस आर्थिक संकट पर कैसें काबू डालती है और मुलाज़िमों 
को कैसें शांति करती है।