एनजीटी ने पंजाब पर ठोका 50 करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली, 14 नवम्बर (जगतार सिंह) : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पंजाब में ब्यास और सतलुज नदियों में गंदगी के मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार पर 50 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोंका है। प्राधिकरण ने बुधवार को यह फैसला सुनाया और पंजाब सरकार को जुर्माने की राशि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीएनबी) जमा कराने का निर्देश दिया है। नदियों में प्रदूषण की शिकायत मिलने पर प्राधिकरण ने इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी की रिपोर्ट आने पर प्राधिकरण ने यह फैसला सुनाया। राज्य के गुरदासपुर ज़िले की एक चीनी मिल ने ब्यास नदी में बड़ी मात्रा में शीरा बहाया जिसकी शिकायत एनजीटी में की गई। नदी में शीरा बहाए जाने से मछलियों समेत जल में रहने वाले कुछ अन्य जीव जंतु मरे पाए गए थे और पश्चिम राजस्थान की नहरों में जहर फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया था। जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जालन्धर, लुधियाना सहित पंजाब के कई क्षेत्रों में म्यूनीसिपल कार्पोरेशन भी कूड़ा-कर्कट को सीधे दरिया में फेंक रहे हैं। इन दोनों दरियों के गंदे पानी को साफ करने के लिए भी पंजाब सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है। ज्यादातर स्थानों पर सीवेज़ ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) नहीं लगे हुए थे और जहां लगे हुए भी थे वह काम करने की हालत में नहीं थे। इस कारण सिर्फ पंजाब ही प्रभावित नहीं हो रहा बल्कि राजस्थान के 8 ज़िलों को भी इस प्रदूषित पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एन. जी.टी. ने पंजाब सरकार को जुर्माने की राशि 2 हफ्ते में केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के पास जमा करवाने के निर्देश दिए हैं और साथ ही राज्य सरकार ऐसे उद्योगों की निशानदेही करने के लिए भी कहा है कि जिनके कारण सतलुज और ब्यास दरिया का पानी प्रदूषित हो रहा है।