इनैलो दोफाड़, सुलह के सभी रास्ते बंद

चंडीगढ़, 14 नवम्बर (राम सिंह बराड़) : इनेलो अब सीधे-सीधे दोफाड़ होने जा रही है। आज अजय चौटाला के इनैलो से निष्कासन के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को जो सुलह की थोड़ी उम्मीद नजर आ रही थी वह भी खत्म हो गई और इनैलो में पार्टी एकजुटता के सभी दरवाजे लगभग बंद होते नजर आ रहे हैं। 17 नवम्बर को इनैलो का दो हिस्सों में बंटना तय लगता है। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे व अब तक पार्टी के प्रधान महासचिव रहे डॉ. अजय सिंह चौटाला ने 17 को जींद में पार्टी की बैठक बुलाई है वहीं पार्टी नेताओं व विधायकों एवं सांसदों को उस बैठक से दूर रखने के लिए नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला व प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने उसी दिन चंडीगढ़ में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक बुला ली है। इन दोनों बैठकों को अजय सिंह व अभय सिंह के बीच चल रहे विवाद में शक्ति परीक्षण के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी के ज्यादातर विधायक, सांसद एवं पार्टी पदाधिकारी फिलहाल नेता प्रतिपक्ष के साथ देखे जा रहे हैं और अजय सिंह चौटाला समर्थकों द्वारा दावा किया जा रहा है कि जींद मीटिंग में पार्टी के अधिकांश नेता व पदाधिकारी पहुंचेंगे और पूरी स्थिति उसी दिन साफ हो जाएगी। 14 सालों से सत्ता से बाहर है इनैलो : इनैलो पिछले 14 सालों से सत्ता से बाहर है। इस बार इनेलो का बसपा से गठबंधन होने के बाद प्रदेश में इनैलो-बसपा गठबंधन के पक्ष में माहौल बनने लगा था और इससे कांग्रेस व भाजपा में भारी बेचैनी पाई जा रही थी। पिछले करीब छह सालों से इनैलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला व उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को टीचर भर्ती मामले में सजा होने के बाद पार्टी कार्यकर्ता इस बार इनैलो को सत्ता हासिल होने की काफी उम्मीद लगाए हुए थे। इसी बीच इनेलो प्रमुख के दोनों बेटों के बीच अब विवाद खुलकर सामने आने और सांसद दुष्यंत व दिग्विजय के निष्कासन के बाद अब अजय सिंह चौटाला के निष्कासन ने पार्टी की दरार को और गहरा कर दिया है। विवाद जिस तरह से बढ़ गया है उससे साफ है कि 17 नवम्बर के बाद इनेलो ऊपर से नीचे तक दो हिस्सों में बंट जाएगी और पार्टी का एक धड़ा अजय चौटाला के साथ व दूसरा धड़ा नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला के साथ खुलकर खड़ा नजर आएगा। राजनीतिक क्षेत्रों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि 17 को जींद में नई पार्टी के गठन का भी ऐलान हो सकता है। पूरा चौटाला परिवार राजनीति में सक्रिय : स्व. उप-प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के बड़े बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का पूरा परिवार राजनीति में सक्रिय रहा है। चौ. देवीलाल दो बार देश के उप-प्रधानमंत्री व दो बार मुख्यमंत्री रहे। ओम प्रकाश चौटाला पांच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और इनमें से एक बार उन्होंने पूरे पांच साल मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा किया। वे राज्यसभा सांसद व नेता प्रतिपक्ष भी रहे। उनके बड़े बेटे अजय चौटाला दो बार राजस्थान के दाता रामगढ़ व नौहर से विधायक रहे और 1999 से 2004 तक भिवानी से लोकसभा सांसद और उसके बाद राज्यसभा सांसद रहने के अलावा 2009 से 2014 तक डबवाली से विधायक रहे। इस समय उनके बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला हिसार से लोकसभा सांसद और उनकी पत्नी नैना चौटाला डबवाली से विधायक हैं। ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला 2000 से 2005 तक रोड़ी से और 2010 व 2014 में ऐलनाबाद से विधायक चुने गए और इस समय नेता प्रतिपक्ष हैं। उनके बड़े बेटे करण चौटाला सिरसा जिला परिषद के वाईस चेयरमैन हैं। इनके अलावा ओम प्रकाश चौटाला के छोटे भाई स्व. प्रताप सिंह 1967 में विधायक चुने गए थे और दूसरे छोटे भाई रणजीत सिंह 1987 में रोड़ी से विधायक और प्रदेश के कृषि मंत्री रहे व राज्यसभा सांसद भी रहे। इस समय वे कांग्रेस में हैं। चौटाला परिवार राजनीति में बेहद सक्रिय होने के कारण प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान व राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने का सामर्थ रखता है और परिवार का यह विवाद पूरे प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।