ई.टी.पी.बी. चेयरमैन अल्पसंख्यक भाईचारे में लगाया जाए : पाक सुप्रीम कोर्ट

अमृतसर, 15 नवम्बर (सुरिन्द्र कोछड़) : पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यक भाईचारे की धार्मिक जायदादों की देखभाल के लिए बनाई ईवैकूई ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड (ई.टी.पी.बी.) का चेयरमैन अल्पसंख्यक भाईचारे में से लगाए जाने के आदेश जारी किए हैं। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस मीयां साकिब नासिर के नेतृत्व वाले सुप्रीम कोर्ट के बैंच ने आज वह आदेश थारकोला पॉवर प्लांट बारे लिए सूमोटू नोटिस की सुनवाई दौरान जारी किया। सुनवाई दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि 10 महीने से ई.टी.पी.बी. के चेयरमैन के खाली पड़े पद पर अल्पसंख्यक भाईचारे में से किसी योग्य उम्मीदवार की नियुक्ति क्यों नहीं की गई है। उन्होंने अतिरिक्त अटार्नी जनरल को निर्देश दिए कि संघीय कैबिनेट द्वारा इस संबंधी जल्द स्वीकृति ली जाए। वर्णनीय है कि चीफ जस्टिस मीयां साकिब नासिर ने ही महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए ई.टी.पी.बी. के चेयरमैन सादिक-उल-फारूक को आयोग्य करार देते हुए पद से बर्खास्त किया था। इसके साथ ही उन पाकिस्तान तहरीक-ए-इन्साफ (पी.टी.आई.) पार्टी के एम.एन.ए. डा. रमेश कुमार वांकवानी द्वारा दायर की याचिका की सुनवाई पर सहमति जताते हुए कहा था कि हिन्दू-सिख भाईचारे की धार्मिक और विरासती जायदादों की देख-रेख मुस्लिम नहीं बल्कि कोई हिन्दू व्यक्ति बेहतर कर सकता है। दूसरी तरफ पाकिस्तान हिन्दू कौंसिल के चेयरमैन पैटर्न एम.एन.ए. डा. वांकवानी ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय असैम्बली में ई.टी.पी.बी. का चेयरमैन हिन्दू-सिख भाईचारे में लगाए जाने के लिए बिल पेश करते कहा कि लियाकत-अली खां और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री स्वर्गीय ज्वाहर लाल नेहरू के बीच हुए समझौते के चलते भारत तरफ विभाग ओकाफ और पाकिस्तान में ई.टी.पी.बी. की स्थापना की गई थी। उक्त समझौते के उपरांत भारत में शुरू से मुस्लिम भाईचारे की जायदादों की देखभाल के लिए मुस्लिम व्यक्ति को लगाया जा रहा है जबकि पाकिस्तान में हिन्दू भाईचारे की जायदादों की देखभाल के लिए कभी किसी हिन्दू या सिख को चेयरमैन नहीं लगाया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यक भाईचारे की वोटों की संख्या 36.30 लाख है और उनमें से 17.70 लाख हिन्दू वोटर हैं। इस पर धार्मिक मामलों मंत्रालय के प्रवक्ता अली मोहम्मद खान ने बताया कि अदालत द्वारा सूमोटू नोटिस लेने के उपरांत यह मामला संबंधित कमेटी के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है और जल्द ई.टी.पी.बी. के पुराने नियमों में तबदील करके चेयरमैन हिन्दू-सिख भाइचारे में लगाने के लिए नियम लागू किए जाएंगे।