155 मोबाइल व नशीले पदार्थों के मामलों ने खोली मॉडर्न जेल के सुरक्षा प्रबंधों की पोल

कपूरथला, 15 नवम्बर : मॉडर्न जेल को भले ही सुधार घर के नाम से नवाजा जा चुका है, लेकिन असल में मॉडर्न जेल अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनी हुई है। जेल में बैठे खूंखार अपराधी जहां अंदर से ही बाहर बैठे साथियों की मदद से बाहर अपराधों का गोरख धंधा चला रहे हैं, वहीं जेल में भी मारपीट और नशे के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। जेल प्रशासन शुक्र है दिन निकल गया, का सहारा ले अपनी ड्यूटी निभा रहा है। मामले पर ध्यान करें तो जनवरी माह से नवम्बर अब तक मॉडर्न जेल में मोबाईल, सिम कार्ड, चार्जर, बैटरी के साथ-साथ नशीले पदार्थो के मिलने का क्रम निरंतर जारी है। जनवरी माह से नवम्बर अब तक जेल प्रशासन थाना कोतवाली में मॉडर्न जेल से कैदियों व हवालातियों से 155 के लगभग मोबाईल फोन बरामद किए जाने के मामले दर्ज करवा चुका है। इसके अतिरिक्त जेल से 124 मोबाईल की बैटरियां, 80 से अधिक सिम कार्ड और मोबाईल चार्जर के मामले हैं। इन मामलों में 30 से अधिक कैदी और 85 से अधिक हवालाती शामिल हैं। जिनसे ये बरामदगी दिखाई गई है। वहीं दूसरी ओर जनवरी के पहले सप्ताह से नवम्बर अब तक जेल के कैदियों व हवालातियों से 900 से अधिक नशीली गोलियां और 140 ग्राम नशीला पाउडर बरामद किया जा चुका है। इसके साथ ही जेल के अंदर से इंटरनैट प्रयोग में लाई जाने वाली डोंगल भी एक कैदी से बरामद की गई है। जिससे ये स्पष्ट होता है कि कड़े सुरक्षा प्रबंधो के बीच कोई बड़ा छिद्र है जो मोबाईल और इंटरनैट के प्रयोग से जेल में नशें के कारोबार को बढ़ावा दे रहा है। जेल में कई बार लड़ाई-झगड़े के मामले भी सामने आते रहे हैं। वहीं मोबाईल के प्रयोग के लिए लगाए गए जैमर भी बीते वर्षो से खराब पड़े हुए हैं, जिनको दुरुस्त करवाने में न तो जेल प्रशासन और न ही सरकार कोई भूमिका अदा कर रही है। जिससे स्पष्ट है कि जेल के भीतर खूंखार कैदियों व हवालातियों के आगे जेल प्रशासन व सरकार घुटने टेक चुकी है और उन्हें अंदर ही सुविधाएं देकर शांत रख रही है। जेल सूत्रों अनुसार खूंखार कैदी अपने बल के दम पर मोबाईल निरंतर चलाते हैं और जेल से ही वीडियो कॉलिंग के माध्यम से अपने पारीवारिक सदस्यों से जुड़े रहते हैं। इंटरनैट के माध्यम से जेल में पेटीएम भी धड़ल्ले से चलता है, जिसमें कैदी व हवालाती अपने पारीवारिक सदस्यों से पैसे की मांग करते रहते हैं। जेल में कथित तौर पर नशे की खरीद-फरोख्त के लिए पेटीएम का प्रयोग होता है। इस संबंधी मॉडर्न जेल के सुपरिडेंट सुरिंदरपाल खन्ना से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मॉडर्न जेल में मोबाईल आने संबंधी किसी भी कर्मचारी की मिलीभुगत नहीं है। उनके ड्यूटी संभालने उपरांत जिन कर्मचारियों की कार्यप्रणाली संदिग्ध पाई गई थी, उन विरुद्ध मामले दर्ज कर लिए गए हैं। उन्हाेंने बताया कि कई हवालाती मोबाईल व सिम कार्ड, नशीले पदार्थ जेल में लाने के लिए अपने गुप्त अंगो में छुपा लेते हैं। जिनमें से कुछ को तो तलाशी दौरान पकड़ लिया जाता है, परंतु कुछ बच-बचाव कर निकल जाते हैं। परंतु जो भी कमियां हैं उन्हें दूर किया जा रहा है और जेल में निरंतर मिल रहे मोबाईल फोन के मामले संबंधी उन्हाेंने कहा कि जेल कर्मचारी प्रति दिन बैरकों की जांच करते हैं और जांच के कारण ही मोबाईल फोन बरामद हो रहे हैं और कार्रवाई हो रही है। एस.पी. खन्ना ने कहा कि उन्होंने जेल के उच्चाधिकारियों और सरकार से कैदियों व हवालातियों की तलाशी के लिए स्कैनिंग मशीनों की मांग की है और जेल अंदर औचक छापामारी के लिए जिला पुलिस की भी मदद ली जा रही है।