1971 में पाकिस्तानी सेना को मात देने वाले हीरो ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपरी का अंतिम संस्कार सोमवार को

चंडीगढ़, 17 नवम्बर (रणजीत सिंह)  : वर्ष 1971 में लौंगेवाला चेक पोस्ट पर पाकिस्तान को मात देने वाले हीरो ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदुपरी का शनिवार को अपने 78वें जन्मदिन से पांच दिन पहले ही कैंसर के कारण निधन हो गया। उनका जन्म 22 नवंबर 1940 को पंजाब (पाकिस्तान) में हुआ था और उन्हें दो महीने पहले ही कैंसर की बीमारी का पता चला था। उन्होंने शनिवार को मोहाली के अस्पताल में अंतिम सांस ली। मरहूम चांदपुरी जी के पार्थीव सहरीर को इस समय सैक्टर-33 स्थित उनके घर में रखा गया है। एक छोटे बेटे ने अभी जर्मनी से वापस आना है। इसलिए चांदपुरी का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा। उनके तीन बेटे हैं, जिनमें हरदीप सबसे बड़े हैं। जबकि बाकी दो बेटे कैनेडा और जर्मनी में रहते हैं। बड़े सपुत्र हरदीप सिंह चांदपुरी ने पिता की यादों को किया सांझा कहा अपने पिता को शब्दों में बयां करना मुश्किल : ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदुपरी के बड़े बेटे हरदीप सिंह ने बताया कि उन्हें हार्ट समस्या कारण 1995 में उनकी बायपास सर्जरी हुई थी। गत शुक्त्रवार को उनकी तबीयत कुछ ज्यादा बिगड़ गई थी। फोर्टिस के डॉक्टरों ने बताया था कि उनका बीपी और शूगर लेवल काफी कम होने से कंट्रोल नहीं हो पा रहा था। जिसकी वजह से हार्ट में ब्लड सर्कुलेट नहीं और उनकी तबीयत बिगड़ी देख कर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। लेकिन शनिवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई और सुबह करीब 9 बजे उनका निधन हो गया था। हरदीप सिंह ने आंखो से आंसू बहाते हुए कहा कि अपने पिता की तरह हम सभी भाई कभी नहीं बन सकते हैं, उन्होंने जो देश के लिए किया है उसको शब्दों में बयांन करना बेहद मुश्किल है। वह एक बहादुर इंसान और अच्छे लीडर भी थे। इसलिए उन्होने महज 90 सैनिकों के साथ पाकिस्तानी हजारों की फौज का सामना किया था। वह हमें बचपन से यही कहते थे कि मैंने तो लड़ाई लड़ी ही नहीं वह तो  मेरे फौजियों ने लड़ी थी। हरदीप सिंह चांदपुरी ने कुछ इस तरह से अपने पिता की यादों को साझा किया।