लंदन का ट्राफ लगर स्क्वायर

दुनिया के कई देशों में दिल्ली के जंतर-मंतर की तरह आवाज बुलंद करने वाली जगह हैं। इन स्थानों पर लोग सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने और उसका विरोध जताने के लिए एकत्रित होते हैं। जैसे ट्राफलगर स्क्वायर लंदन, यूनियन स्क्वायर न्यूयॉर्क, तहरीर स्क्वायर काहिरा। जहां कोई न कोई क्रांति या बदलाव हुआ है। इनमें लंदन का ट्राफलगर स्क्वायर प्रमुख है जो विरोध प्रदर्शनों का एक वैश्विक मंच है। ट्राफलगर स्क्वायर अपनी ऐतिहासिक विरासत लिए धरने,सभा ,रैली और प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध हैं। आंदोलनकारियों को लगता है कि सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए यह जगह बेहतरीन है। यह जगह 13वीं शताब्दी से ही प्रसिद्ध  है। वैसे यहां लोग घूमने-फि रने भी खूब आते हैं। यह चौक दर्शनार्थियों और लंदनवासियों दोनों के लिए ही समान रूप से एक सामाजिक और राजनीतिक स्थल बन चुका है। विश्व में घटित होने वाली विभिन्न,राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर यहां प्रतिक्रिया स्वरुप लोग पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन और रैली कर अपना समर्थन और विरोध व्यक्त करते है। लंदन में एक तिहाई लोग अन्य देशों के है। इस कारण भी यहां प्रदर्शनों की झड़ी लगी रहती है। लंदन में उठने वाली आवाज की गूंज वैश्विक स्तर पर बुलंद होती है। इसका लाभ विरोध प्रदर्शन करने वाले समुदाय को मिलता है। लन्दन का दृश्य प्रस्तुत करने वाले स्थान के रूप में ट्राफलगर स्क्वायर का प्रयोग फिल्मों में अधिकांशत किया जाता है। इसके आलावा विभिन्न देशों के लोग यहां गीत-संगीत और नृत्य के कार्यक्रम भी आयोजित करते रहते है। ट्राफलगर स्क्वायर लंदन का एक चौक है। लन्दन के बीचोंबीच होने के कारण, यह सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह ब्रिटेन तथा विश्व के प्रसिद्ध चौकस्थलों में से एक है। इसके केंद्र में नेल्सन स्तम्भ है, जो अपने आधार पर स्थित चार शेरों द्वारा सुरक्षित रहता है। इस चौक में प्रतिमाएं और नक्काशीदार मूर्तियां प्रदर्शन के लिए लगी रहती हैं, जिसमें एक चौथा स्तम्भ भी सम्मिलित है जो कि समकालीन कला की कृतियों को प्रदर्शित करता है और उन्हें समय-समय पर बदला भी जाता है। इस चौक का प्रयोग राजनीतिक प्रदर्शनों और सामुदायिक सभाओं के लिए एक स्थल के रूप में भी किया जाता है। ट्राफ लगर स्क्वायर का नाम बैटल ऑफ  ट्राफ लगर (1805) की स्मृति में रखा गया है जिसमें नेपोलियन के साथ हुए युद्ध में ब्रिटिश नौसेना ने विजय प्राप्त की थी। वास्तव में इसका नाम किंग विलियम द फोर्थ्स स्क्वायर रखा जाना था, लेकिन जॉर्ज लेडवेल टेलर के सुझाव पर इसका नाम ट्राफलगर स्क्वायर रखा गया। ट्राफ लगर स्क्वायर का स्वामित्व राजपद के अधिकार के अंतर्गत महारानी को प्राप्त है और इसका प्रबंधन ग्रेटर लन्दन अथॉरिटी द्वारा किया जाता है।

—बाल मुकुन्द ओझा