अजय चौटाला ने ‘चश्मे’ को कहा अलविदा

जींद, 17 नवम्बर (रमेश सैनी) : ताऊ देवीलाल के कुनबे में चल रही राजनैतिक विरासत की लड़ाई में पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने साथियों के साथ अपनी नई राह का ऐलान कर दिया। उन्होंने चश्मे और इनैलो को यह कहकर अलविदा कर दिया कि इसे मैं बिल्लू (अभय सिंह चौटाला)को सौंपता हूं। अब नए झंडे के साथ नया डंडा होगा और नया चिन्ह। इससे भी आगे बढ़कर उन्होंने न्याय युद्ध की तर्ज पर जींद में ही आगामी 9 दिसम्बर को समस्त हरियाणा सम्मेलन करने की घोषणा की। उसी दिन नई पार्टी के नाम का ऐलान होगा। इससे पहले एक होटल में आयोजित बैठक में  इनेलो की प्रदेश व राष्टीय कार्यकारिणी से जुड़े रहे साथियों के फैसले से अवगत कराते हुए उन्होंने इनैलो और चश्मे को अलविदा कहने के लिए हुडा ग्राउंड में उमड़ी उत्साही हजारों की भीड़ से हाथ उठाकर इजाजत मांगी और कार्यकारिणी के सदस्यों के राजनीतिक फैसले पर मुहर लगवाई। इनैलो छोड़ने के कारण गिनवाते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास एक रास्ता कानूनी लड़ाई लड़ने का था, मगर साथियों ने कहा कि इसमें अनावश्क न उलझा जाए, यह लंबी प्रक्रिया है। दूसरा दादा देवीलाल के समय से पार्टी को खून-पसीने से सिंचित कर रहे कार्यकर्ताओं के मान सम्मान का भी था। अप्रजातांत्रिक तरीके से दिग्विजय, दुष्यंत और खुद मेरे निष्काषण का था। इससे पहले सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चुनिंदा लोगों ने हमें पार्टी से बाहर निकाला है अब उस पार्टी में लौटने का मन नहीं करता। उन्होंने कहा कि दादा ओम प्रकाश चौटाला को आदर्श मानकर उनका संघर्ष जारी रहेगा। सभा को पूर्व मंत्री हरिसिंह सैनी, इनसो के राष्टीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला, अशोक गोयल उर्फ लीलू, इनसो के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप देसवाल व प्रभारी रणदीप चीका, युवा इनेलो के प्रदेश प्रधान रहे रविंद्र सांगवान, पाला राम बीबीपुर ने भी संबोधित किया। मंच पर विधायक नैना चौटाला, अनंतराम तंवर, इनैलो के राष्टीय प्रवक्ता रहे डॉ केसी बांगड, नफे सिंह राठी, पूर्व मंत्री सतबीर सिंह कादियान, तेलूराम जोगी, पूर्व विधायक निशान सिंह, बलदेव अलावलपुर, जगदीश नैयर, पूर्व विधायक ईश्वर पलाका, शीला भयान, फूलवती, अनूप धानक, कृष्ण राठी आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। पिता चौटाला के फैसले पर भी किए कटाक्ष : शुरुआती संबोधन में डा. अजय सिंह चौटाला ने ताऊ देवीलाल के नाम तो लिया मगर पिता ओमप्रकाश चौटाला का नाम तक नहीं लिया। बाद में उन्होंने कहा कि पिता ओम प्रकाश चौटाला को कार्यकारिणी के इस्तीफे यह कहकर जेल में 20 नवंबर को सौंप दूंगा कि यही असली इनेलो थी। वैसे वे समाचार पत्रों के माध्यम से पढ़ ही लेंगे कि इनेलो का सच्चा वर्कर किस तरह से दीवारों पर चढ़कर पार्टी छोड़ने के अपने समर्थन की मुहर लगा रहा था।कमज़ोर करने वाले विफल रहे : दुष्यंत : सांसद दुष्यंत ने कहा कि उन्हें कमज़ोर करने वाले अपने प्रयासों में विफल रहे हैं। कुछ लोगों को हिमाचल की वादियों में बंधक बनाकर वे जनता के प्रिय नहीं बन सकते। रैली में उमड़े कार्यकर्ताओं ने ऐसे लोगों के मुंह पर तमाचा जड़ने का कार्य किया है। महाभारत और राम के समय की बातें सुनाते हुए उन्होंने कहा कि लवकुश को भी भगवान राम ने निकाला था। इससे पहले भगवान राम को उनके पिता ने वनवास दिया।