सावधानी बरतें ऊनी कपड़ों की धुलाई में

सर्दी के मौसम में आपका सबसे प्यारा और आरामदेह साथी ऊनी कपड़ा होता है चाहे वह सुन्दर नाजुक सी शॉल हो, नन्हे-मुन्ने की टीपी या कोट और आपका ऊनी जैकेट, जर्सी या स्वेटर हो।ऊनी कपड़ों को यदि आप सावधानी और सही तरीकों से धोते हैं तो आपका ऊनी कपड़ा निखर उठेगा और यदि आपने उसे सावधानी से न धोया तो वह खराब हो सकता है। आप हमेशा ऊनी वस्त्रों को सावधानी से धोते रहें। इतना ध्यान रखिएऊनी वस्त्रों को धोने में कोमलता की अधिक आवश्यकता होती है, इसलिए इन्हें धोने के लिए अच्छे किस्म के साबुन का प्रयोग हमेशा करना चाहिए। जहां तक हो सके, ऊनी कपड़ों को कुछ-कुछ दिनों के इस्तेमाल करने के बाद अवश्य धो लेना चाहिए, क्योंकि ज्यादा मैले ऊनी कपड़ों को बिना नुक्सान पहुंचाये, अच्छी तरह से धोना बहुत ही मुश्किल पड़ता है। ऊनी कपड़ों को धोने के लिए बाल्टी की बजाय खुला बर्तन जैसे छोटा टब अथवा चिलमची का प्रयोग करें। ऊनी कपड़ों को कभी भी भिगो कर न रखें। इन वस्त्रों को धोने के साबुन में कंजूसी न करें। ज्यादा झाग ही इन वस्त्रों के लिए फायदेमंद होता है। झाग बनाने के लिए तथा खंगालने के लिए गर्म पानी का प्रयोग कभी न करें क्योंकि ऊन के आपस में जुड़ जाने का अंदेशा रहता है। झाग बनाने तथा खंगालने के लिए एक से ही तापमान का पानी इस्तेमाल करें। यदि आपने ठंडा लिया है तो दोनों के लिए ठंडा, नहीं तो दोनों के लिए गुनगुना लें। यदि आपने अलग-अलग तरह का पानी जैसे झाग बनाने के लिए ठंडा और खंगालने के लिए गुनगुना काम में लेते हैं तो ऊनी कपड़ा जुड़ जायेगा। खंगालने के पानी में ‘बोरेक्स’ पाऊडर मिलाना फायदेमंद होता है (पुरुषों के स्वेटर के लिए एक बड़ा चम्मच)। इसको मिलाने से ऊन आपस में जुड़ता नहीं है। धोने के पश्चात् सभी बुने हुए कपड़ों को चपटा फैला कर ही सुखाना चाहिए। रस्सी अथवा हैंगर पर लटका कर  सुखाने से कपड़ा खिंच कर बेडौल हो जायेगा। ऊनी कपड़ों को पूरी और अच्छी तरह से सूखने दीजिए। जरा सा भी गीलापन ऊन को खराब कर नुक्सान पहुंचाता है। अलमारी में रखने से पूर्व इस्त्री करने के बाद कपड़ों को कुछ देर तक हवा में अवश्य रखना चाहिए। 

—इन्दीवर मिश्र