लाइफ  स्टाइल एडजस्टमेंट में कितनी माहिर हैं आप ?

किसी ने बिल्कुल सही कहा है कि ज़िंदगी सामंजस्य बिठाने की एक खूबसूरत कला है। जी, हां! सामंजस्य यानी एडजस्टमेंट ज़िंदगी के हर कदम में शामिल है। फि र चाहे वह हमारी रोजमर्रा की लाइफ  स्टाइल ही क्यों न हो? हम आपसे नहीं पूछेंगे कि आप रोजमर्रा की ज़िंदगी में एडजस्टमेंट करने में कितनी माहिर हैं, लेकिन हम जो सवाल पूछेंगे उनके आप जो जवाब देंगी, उससे यह पता चल जायेगा तो आइये जानते हैं-
1. कामकाजी होने के नाते जब आपको अकसर नींद नहीं आती या अधूरी रह जाती है, तो इस समस्या से निपटने के लिए-
क- सोने के पहले गुनगुने पानी में नहाती हैं।
ख- नींद की गोली खाती हैं।
ग- नौकरी छोड़ देती हैं।
2. योजना के मुताबिक जब काम पूरे नहीं होते तो इस तनाव से बचने के लिए-
क- अपने रूटीन वर्क में फेरबदल करती हैं।
ख- अपनी एक सहायक रख लेती हैं।
ग- पति से झगड़ा करती हैं ताकि वह भी काम में हाथ बंटाए।
3. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को व्यवस्थित रखने के लिए आप-
क- सिर्फ  अपने मन की सुनती हैं।
ख- नियमित रूप से एक्सरसाइज करती हैं।
ग- मनोचिकित्सक से इसकी रिमेडी पूछती हैं।
4. मोटापा से बचने के लिए-
क- इंटरनेट में समाधान तलाशती हैं।
ख- डायटीशियन की सलाह पर दोपहर व रात के भोजन में ज्यादा से ज्यादा सलाद लेती हैं।
ग- डायटिंग पर भरोसा करती हैं।
5. आपकी समझ से साफ -सफाई
क- सिर्फ  सरकार की ज़िम्मेदारी है।
ख- सिर्फ  सफाई कर्मचारियों की ज़िम्मेदारी है।
ग- पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है।
निष्कर्ष- अगर आपने सभी सवालों के उन्हीं जवाबों पर अपनी सहमति जतायी है या कहें सही का निशान लगाया है जो आपकी राय के मुताबिक हैं, तो यह जानने के लिए तैयार हो जाइये कि आप रोजमर्रा की ज़िंदगी में लाइफ स्टाइल एडजस्टमेंट में कितनी माहिर हैं?
क- अगर आपने कुल 10 या इससे कम अंक हासिल किये हैं तो आप लाइफ  स्टाइल एडजस्टमेंट के विज्ञान और मनोविज्ञान दोनों को बहुत ज्यादा नहीं समझतीं। आप जो थोड़े बहुत सामंजस्य बिठाती भी हैं वे सब मजबूरी मानकर बिठाती हैं। 
ख- अगर आपके कुल हासिल अंक 10 से ज्यादा मगर 15 से कम हैं तो आप लाइफ स्टाइल एडजस्टमेंट का महत्व तो समझती हैं लेकिन आप इसके विज्ञान को नहीं जानतीं इसलिए आपके एडजस्टमेंट आपके मूड पर निर्भर होते हैं।
ग- अगर आपने 15 से ज्यादा अंक हासिल किये हैं तो आप न केवल लाइफ स्टाइल एडजस्टमेंट में माहिर हैं बल्कि इस एडजस्टमेंट की ज़रूरत, उसका विज्ञान और उसके फायदों को गंभीरतापूर्वक समझती हैं।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर
प्रस्तुति-पिंकी अरोड़ा