नाभा बैंक डकैती के आरोपियों ने किये अहम खुलासे

पटियाला, 22 नवम्बर (आतिश गुप्ता) : पिछले दिनों ज़िला पटियाला के नाभा में बैंक के सुरक्षा गार्ड की हत्या कर 50 लाख रुपए लूट की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के सदस्यों को पटियाला पुलिस की तरफ से गत दिनों गिरफ्तार कर लिया गया। गिरोह के मैंबरों से पूछताछ पता चला कि इस गिरोह की तरफ से वर्ष 2006 से जिला पटियाला व संगरुर में लूट की वारदात को अंजाम दिया जा रहा था। इस गिरोह ने 12 वर्षों के समय में 6 की हत्या कर 7 व्यक्तियों को गंभीर रुप से जख्मी कर 14 वारदातों को अंजाम दिया गया। पुलिस की तरफ से इन वारदातों में शामिल अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार कर उन के पास से एक 315 बोर राइफल सहित 25 रोंद, एक 12 बोर राइफल समेत 25 कारतूस 23 बोर, काले रंग का हैल्मेट बरामद किया गया है। इस बात का प्रगटावा जिला पुलिस प्रमुख मनदीप सिंह सिद्घू की तरफ से पत्रकार सम्मेलन को संबोधन करते हुए किया गया। जिला पुलिस प्रमुख मनदीप सिंह सिद्घू ने बताया कि गिरफ्तार किए गए गिरोह में गुरमेल सिंह पुत्र प्रीतम सिंह निवासी लुधियाना, मेजर सिंह निवासी संगरूर के तौर पर हुई है जबकि इस गिरोह के अमनजीत सिंह गुरू व जगदेवसिंह तारी को पटियाला पुलिस की तरफ से 14 नवंबर 2018 को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि अमनजीत सिंह गुरी से पुलिस द्वारा गहराई की साथ की गई पूछताछ के दौरान सामने आया कि यह गिरोह वर्ष 2006 से इन घटनाओं को अंजाम देता आ रहा है। पहले अमनजीत सिंह गुरी व गुरमेल सिंह करते थे जबकि वर्ष 2011 में इस गिरोह में जगदेव सिंह भी शामिल हो गया था। एस.एस.पी. ने बताया कि यह गिरोह वारदात को अंजाम देने से पहले उस जगह की रैकी करता था व उस के बाद ही वारदात को अंजाम देता था। जबकि वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के सदस्य वारदात वाली जगह पर भेष बदल कर दौबारा जाता था ताकि इन पर कोई शक न कर सके व नाभा में वारदात को अंजाम देने के बाद भी यह दोनों उस जगह पर आए थे। गिरोह की तरफ से पहले की गई वारदातों के बारे में जानकारी देते एस.एस.पी. सिद्घू ने बताया कि इस गिरोह द्वारा पहली वारदात 8 मई 2006 को निरभै सिंह निवासी काझला सोसायटी कर्मचारी संगरुर की तरफ से गांवों में से सोसायटी की किश्तों की रकम अपने मोटरसाइकिल पर ज़िला रहे व्यक्ति पर फायर कर 3 लाख रुपए की लूट की वारदात को अंजाम दिया था। दूसरी वारदात 12 दिसंबर 2008 को दी गई जहां पर अनाज मंडी चीमा गैस एजैंसी पर शाम के समय हमला कर सुरक्षा कर्मी अवतार सिंह, कैशियर सतनारायण व कैश बैग लेकर ट्रक में बैठे व्यक्ति को गोली मारकर हत्या की तीहरी घटना को अंजाम देते हुए 2 लाख की लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था। तीसरी वारदात 8 मई 2009 को दुलदी गेट नाभा के कर्मचारी नरेश कुमार और राज कुमार पर गोली चला 7 लाख रुपए लूट की वारदात को अंजाम दिया गया। इस दौरान राज कुमार की मौत हो गई थी। चौथी घटना 2 जून 2010 को हुई जिस दौरान गिरोह के सदस्यों ने मेघ सिंह निवासी कसियाना को पंजाब ढाबा बरनाला के पास घेर कर उस की लाइसंसी रिवालवर, 18 रौंद व 10 हजार रुपए लेकर फरार हो गए थे। इसी प्रकार 17 मई 2011 को जगदेव सिंग तारी निवासी संगरुर भी इस गिरोह में शामिल हुआ। जिनकी तरफ से लूट की मंशा से गुरदीप सिंह लाडी निवासी सपरहेडी पर फायर कर फरार हो गए। 20 अक्तूबर 2012 को इस गिरोह की तरफ से पातड़ां में ए.टी.एम. में कैश डालने के लिए जा रहे व्यक्तियों पर हमला कर दिया। इस दौरान सुरक्षा कर्मी सुखविंदर सिंह जख्मी हो गया लेकिन सुखविंदर सिंह की तरफ से अपने बचाव में फायर कर दिया। जिस से किसी बडी वारदात के घटने से बचाव हो गया है।  9 नवम्बर 2017 को गिरोह की तरफ से सेल्जमैन के तौर पर कार्य कर रहे गुरपाल सिंह पर फायर करते हुए एक लाख 46 हजार रुपए झपट कर फरार हो गया। इसी प्रकार 23 फरवरी 2018 को भी गिरोह की तरफ से इंडियन आयल पाइप लाइन संगरुर में सुरक्षा कर्मी के तौर पर कार्य करते बीरबल सिंह पुत्र जंगीर सिंह निवासी कुलार खुर्द पर हमला कर उस की लाइसैंसी रायफल 12 बोर बैरल व 10 रोंद छीन कर फरार हो गए थे। पुलिस द्वारा इन सभी मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई, लेकिन अभी तक इन मामलों का कुछ पता नहीं लग पा रहा था। तीन वारदातों को अंजाम देने की फिराक में थे लुटेरे : गिरोह के सदस्यों से पूछताछ के दौरान सामने आई बातों के बारे में एस.एस.पी. ने बताया कि इस गिरोह के सदस्यों की तरफ से तीन वारदातों को अंजाम देने की फिरोक में था। जिस के लिए उनकी तरफ से नाभा से संगरुर जाने वाली कैश वैन, महिला चौंक जिला संगरुर की सोसायटियों का कैश लूटने व गांव रोंगला में बैंक लुटने की तैयारी थी। जिस के लिए गिरोह की तरफ से रैकी कर के सारी तैयारी कर रखी थी। इस के अलावा भी पुलिस द्वारा पूछताछ करने का दावा किया जा रहा है।