ज़रूरी है आपके लिए अच्छे और बुरे की पहचान

अक्सर कई बार हमारी नज़रें हमें धोखा दे जाती हैं। नज़रों के पीछे का दृष्टिकोण कच्चा हो तो अक्सर नज़रों से किए फैसले गलत होते हैं। जब हमारी जवान हो रही बेटियां अच्छे और बुरे के अन्तर को समझने में समर्थ हो जायेंगी, उस दिन माता-पिता की उनसे जुड़ी हर प्रकार की चिन्ताएं समाप्त हो जाएंगी। बच्चों के सही फैसले माता-पिता के प्रति यकीन को पक्का करते हैं। गलत लोगों पर उम्मीद रखने पर परेशानियां बढ़ती हैं। सच्चे लोगों पर शक करने पर असफलता की सम्भावना होती है। इतनी गलतियां भी न करो कि पैंसिल से लिखने पर रबड़ ही खत्म हो जाए और रबड़ को इतना भी न रगड़ो की पेज़ ही फट जाए। कई बार नहीं जल्दबाज़ी में बोलने से और हां देर से बोलने पर हम कई रिश्तों को खो देते हैं। जो आपके लिए सही नहीं होता, उसको जल्द ही पहचान लेना चाहिए। कई गलतियां आपको सही फैसला लेने की अक्ल सीखा जाती है। अक्सर दिखावे की हमदर्दी से कई बार आपके भोलेपन को आसानी से शिकार बना लिया जाता है। कोशिश करो किसी की खुशी आपका दर्द न बने। पैसे की अमीरी आपका घमंड न बने। अक्सर कई लड़कियां अपने भोलेपन की वजह से ऐसे लोगों से दोस्ती कर लेती हैं, जो उनकी कमज़ोरी को पकड़ लेते हैं और बाद में इसी वजह से ही परेशान करते हैं। अपनी ज़िंदगी को अपने तरीकों से और समझदारी से जियें। दूसरों के कहे अनुसार चलेंगे तो मायूसी ही पाओगे। आपकी अपनी अच्छी आदत के अलावा अच्छा मित्र कोई हो नहीं सकता और आपकी बुरी आदत के बिना बुरा मित्र आपका कोई हो नहीं सकता। कभी भी हमारी चुप्पी ही सबसे बड़ा जवाब होती है। आंखें बंद करके किया विश्वास जल्द ही हमारी आंखें खोल देता है। अच्छाई का दिखावा करने वाले लोग सबसे अधिक खतरनाक होते हैं। बहुत बड़े वायदे करने वाले अन्दर से खोखले होते हैं। सबसे अधिक धोखा वह देता है जिस पर हम यकीन करते हैं। रिश्तों का चयन करें, शक के आधार पर नहीं बल्कि यकीन और भरोसे के आधार पर। सब्र रखें और  इंतज़ार करें, क्योंकि कुछ चीजें किस्मत और वक्त अनुसार मिलती हैं। कई बार लालच आपसे वह सब कुछ भी छीन लेते हैं, जिसके आप हकदार हैं। कई लोगों के पास सिर्फ दौलत है, प्यार और दिल नहीं। रिश्तों की यात्रा के आरम्भ में ही आपको पता होना चाहिए कि यह रिश्ता आपको कहां लेकर जायेगा। गलत रिश्ता गलत रास्ते पर चलाता है और आपको आगे के कई अन्य रिश्तों के लिए नकारात्मक फैसले लेने को मजबूर कर देता है। जिस काम में अनुभवी और समझदार लोगों की सलाह हो वह रिश्ता अच्छा होता है काम भी। रिश्ता हमेशा उसी इन्सान से रखें, जो आपको अच्छी तरह समझे, आपका ध्यान रखे, जिसको आप पर विश्वास हो। दूसरों द्वारा बताई बातों पर यकीन न करें, जो ऐसे व्यक्ति को जीवनसाथी और दोस्त बनाओ। हर रिश्ता पहले दोस्ती से शुरू होता है, फिर अन्य पड़ाव पर जाता है। दोस्ती हर रिश्ते की मज़बूत नींव है।

—अमरजीत बराड़