इतिहास में मौजूद है शानदार कॅरियर का वर्तमान

आम धारणा है कि इतिहास को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ही पढ़ा जाता है। किसी हद तक यह धारणा सही भी है। क्योंकि बड़ी संख्या में हमें ऐसे आईएएस और पीसीएस मिल जायेंगे, जिन्होंने इन परीक्षाओं को पास करने के लिए इतिहास को अपना मुख्य विषय चुना हुआ होता है। लेकिन इनमें से बहुतों को शायद ही पता हो कि जिस इतिहास को वे सिविल सर्विसेस के लिए सीढ़ी बनाते हैं, उस इतिहास में खुद भी अच्छा-खासा कॅरियर मौजूद है। ऐसा शायद इसलिए भी है क्योंकि इतिहास भले अतीत गाथा होती हो, लेकिन वास्तव में वर्तमान को जानने और समझने में इतिहास ही सबसे ज्यादा मददगार होता है। इसलिए इतिहास को न केवल अकादमिक क्षेत्र में महत्व हासिल है बल्कि तमाम प्रोफेशनल क्षेत्रों में भी इतिहास को यह महत्ता मिली हुई है।इतिहास में स्नातक करने के बाद कई क्षेत्रों में कॅरियर की राहें खुल जाती हैं। अगर आपने स्नातक करने के बाद हैरिटेज मैनेजमेंट का कोर्स कर लिया है तो समझिये आपका कॅरियर पक्का हो गया। इसके बाद नौकरी की कोई समस्या नहीं रहती। क्योंकि ऐसे प्रोफेशनलों की खूब मांग है। वास्तव में प्राचीन स्मारकों और इमारतों के मामले में हम भी यूरोप की तरह काफी समृद्ध हैं और अब इनके संरक्षण की समझ भी हमें खूब आ गयी है, साथ ही इस सबकी ज़रूरत भी खूब है। इसलिए इस क्षेत्र में आसानी से नौकरी मिल जाती है। पुरातत्व विभाग ने हाल के सालों में नौकरी देने के मामले में काफी नाम कमाया है। देश में जिस तरह धीमी मगर पुख्ता रफ्तार से टूरिज्म इंड्रस्ट्री आगे बढ़ रही है, उसने भी इतिहास को रोजगारपरक विषय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस क्षेत्र में रोजगार की बहुतायत की एक वजह यह है कि भारत के विभिन्न राज्यों में से शायद ही कोई ऐसा राज्य हो जो ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों के मामले में किसी दूसरे के मुकाबले गरीब हो। इस मामले में इतिहास ने देश के सभी प्रांतों को खूब समता बख्शी है। इतिहास में कॅरियर के और भी तमाम आयाम हैं। क्योंकि इतिहास सिर्फ  घटनाओं का क्रमबद्ध ब्यौरा नहीं होता। वास्तव में आज हम जिस इतिहास को जानते व पढ़ते हैं, वह तमाम शोधकर्ताओं और इतिहासकारों की लंबी शोध साधना का फल है। 

              —कीर्तिशेखर