आई.जी. को जुर्माने के मामले में डी.जी.पी. हाईकोर्ट में हुए पेश

चंडीगढ़, 3 दिसम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती): डी.जी.पी द्वारा आदेश प्राप्त किए बगैर एक मामले की पुन: जांच खोलने के कारण पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस रामेन्द्र जैन की एकल बैंच द्वारा आई.जी. पटियाला रेंज अमरदीप सिंह राय को एक लाख जुर्माना लगाने के साथ ही डी.जी.पी. को तलब करने के आदेश अनुसार पुलिस प्रमुख सुरेश अरोड़ा आज बैंच के समक्ष उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि जांच से संतुष्ट न होने के कारण पुन: जांच की जा सकती है जिस पर बैंच ने एक बार यह पूछ लिया कि पहले की गलत जांच पर क्या कार्रवाई की जाती है परन्तु सरकार ने आज पहले ही इस मामले में बैंच के पहले दिए फैसले पर पुन:विचार करने की अर्जी लगाई। सरकार का कहना था कि जुर्माना लगाने के समय सरकार का पक्ष नहीं सुना गया, लिहाजा जुर्माना लगाने का आदेश वापिस लिया जाना चाहिए। वर्णनीय है कि बगैर अनुमति पुन: जांच खोलने पर बैंच ने माना था कि डी.जी.पी. द्वारा सर्कुलर जारी किया हुआ कि किसी मामले में यदि जांच पुन: करनी हो तो इसके लिए डी.जी.पी. से अनुमति लेनी आवश्यक है परन्तु इसके बावजूद पंजाब में लगभग प्रत्येक मामले में पुलिस अधिकारी अपने स्तर पर  पुन: जांच खोले जा रहे हैं और यह सिलसिला विगत दो दशकों से चलता आ रहा है। बैंच ने कहा था कि ऐसी गलतियों के कारण कई बार चेतावनी दी जा चुकी है परन्तु सिलसिला नहीं रुका और अब समय आ गया है कि सख्त कार्रवाई की जाए। बैंच ने कहा था कि फ्राड के एक मामले में मालेरकोटला के अब्दुल शकुर को इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी हैं और इस मामले में आरोपी अब्दुल हामिद, जिसने कि हाईकोर्ट पहुंच की हुई है कि आवेदन पर आई.जी. राय ने पुन: जांच खोल दी और डी.जी.पी. से अनुमति तक नहीं ली। कहा था कि पुन: जांच खोलना सीधे रूप से ट्रायल कोर्ट में मामले को लटकाने की कोशिश है और इसके पीछे आई.जी. की भूमिका की जांच भी की जानी आवश्यक है। बैंच ने कहा था कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी आवश्यक है ताकि अन्य अधिकारियों को भी संदेश जाए कि बगैर आदेश हासिल किए पुन: जांच नहीं खोली जानी चाहिए। बैंच ने आई.जी. को एक लाख रुपए जुर्माना लगाया था और साथ ही पुन: जांच खोलने की मंशा जांचने के लिए भी कहा था। इसके साथ ही डी.जी.पी. एवं एडवोकेट जनरल को निजी रूप से पेश होने का निर्देश किया था।