अवार्ड मिलने से ज़िम्मेदारियां और बढ़ीं : नंदन

होशियारपुर, 5 दिसम्बर (नरेन्द्र मोहन शर्मा) : होशियारपुर ज़िले को इस बात का गर्व है कि शरीरिक तौर पर विकलांग होते हुए 1997 से विभिन्न संस्थाओं से जुड़कर विकलांग लोगों की भलाई के लिए काम करने वाली होशियारपुर के नज़दीकी गांव नंदन की वसनीक इंद्रजीत कौर नंदन को राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया गया। ज़िले में किसी भी और औरत को यह सम्मान नहीं मिला है। अवार्ड मिलने उपरांत होशियारपुर पहुंचने पर बातचीत करते इंद्रजीत कौर नंदन ने कहा कि जहां अवार्ड मिलने से उनको गर्व महिसूस हो रहा है वहीं उनकी ज़िम्मेवारियां और भी बढ़ गई है जिसके चलते उसको और मेहनत तथा लगन से विकलांगों की भलाई के लिए काम करना होगा। उन्होंने बताया कि उसने दिव्यांग कला साहित्य व सभ्याचारक मंच पंजाब का गठन किया था तथा साथ ही पांच एन.जी.ओज़ के साथ मिलकर हर वीरवार दिव्यांगों का सम्मान प्रोग्राम बनाने के लिए भी यत्न किए थे। यहां उल्लेखनीय है कि ज़िले में पहला प्रदेश स्तरीय दिव्यांग कला साहित्य तथा सभ्याचारक समारोह जो कि भगत पूरन सिंह पिंगलवाड़ा वालों को समर्पित था उसके यत्नों से करवाया गया था। इस समारोह की अध्यक्षता पदम भूषन बीबी इंद्रजीत कौर पिंगलवाड़ा वालों द्वारा की गई थी। इसके अलावा इंद्रजीत कौर नंदन नासिक में राष्ट्रीय स्तर के हुए 7वें अखिल भारती दिव्यांग साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता भी कर चुकी है। इसके साथ ही उसने ज़िले में एक सर्वे भी किया था तांकि जो दिव्यांग लोगों को पेश आ रही मुश्किलों की तरफ प्रशासन का ध्यान दिलाया जा सके। 2017 में हुई विधान सभा चुनावों दौरान इंद्रजीत कौर नंदन पर्सनज़ विद डिसअबिलटी की कोआर्डीनेटर थी तथा इस समय भी वो होशियारपुर के दिव्यांग लोगों की चुनाव आयोग द्वारा आईकोनिक फिग्गर है। इंद्रजीत को यह ऊचित काम करने की प्रेरना हमेशा अमरजीत सिंह आनंद से मिलती रही है तथा अब तक उसकी 6 किताबें भी जारी हो चुकीं है। इंद्रजीत को राष्ट्रपति अवार्ड मिलने से पूरे ज़िले को गर्व महिसूस हो रहा है।