क्रिकेट के आकाश पर विराट के पास महाविराट होने का मौका...!

इन पंक्तियों के लिखे जाने के दो दिन बाद यानी 6 दिसंबर 2018 से शुरू हो रही भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बहुप्रतीक्षित टैस्ट क्रिकेट श्रृंखला कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रही है। दुनिया में अलग-अलग समय में अलग-अलग बल्लेबाजों का वैश्विक जलवा रहा है। इन दिनों यह जलवा भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का है। उन्हें दुनिया के हर कोने से मौजूदा दौर का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जा रहा है, लेकिन तमाम दिग्गजों ने इस कहे और माने जाने के साथ किंतु परंतु भी जोड़ रखे हैं। उन सभी किंतु परंतुओं को अपने नाम के सामने से हटाने का विराट कोहली के लिए यह सर्वश्रेष्ठ मौका है। दुनिया के कई महान क्त्रिकटरों ने, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज स्टीव वॉ भी शामिल हैं, कहते हैं, ‘अगर विराट ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा दौरे में सफल रहते हैं तो वह निर्विवादित रूप से मौजूदा दौर के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाएंगे।’ चार टैस्ट मैचों की इस सीरीज में विराट को अपने आपको महाविराट साबित करने के लिए 8 मौके मिलेंगे और जैसा कि स्टीव वॉ कहते हैं, ‘अगर विराट कोहली ने इन 8 मौकों में शानदार प्रदर्शन किया तो वह क्रिकेट के इतिहास में सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा से भी बड़े बल्लेबाज माने जाएंगे।’ हालांकि इस पर बहस हो सकती है कि ऑस्ट्रेलियन दिग्गजों को ऐसा क्यों लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध शानदार प्रदर्शन करने के बाद ही कोई बल्लेबाज शानदार हो सकता है। लेकिन यह बहस अपनी जगह है, मगर इस हकीकत से भी मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि पिछले 70 सालों में दुनिया की तमाम क्रिकेट टीमें कभी बहुत ऊंचे गई हैं तो कभी बहुत नीचे आ गई हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया बीते 70 सालों में एकाध साल को छोड़कर हमेशा दुनिया की सर्वश्रेष्ठ नहीं तो दिग्गज टीम हमेशा रही है। 
शायद यही कारण है कि दुनिया के किसी भी बल्लेबाज को महानता का तमगा तभी मिलता है, जब वह बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध शानदार प्रदर्शन करता है। यह अकारण भी नहीं है; क्योंकि दुनिया के जितने भी बल्लेबाजों को अपने दौर में सर्वश्रष्ठ होने का खिताब मिला है, उन ज्यादातर बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध तमाम दूसरे बल्लेबाजों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। चाहे वह सुनील गावस्कर रहे हों, विवियन रिचर्ड्स रहे हों, एलिस्टर कुक रहे हों या फिर बाद के दौर के सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा रहे हों। कहने का मतलब यह है कि भले यह बात ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर कह रहे हों, लेकिन हकीकत यही है कि दुनिया में किसी क्रिकेटर के सर्वश्रेष्ठ होने का पैमाना उसका ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध प्रदर्शन ही होता है और ऐसा हो भी क्यों न आखिरकार ऑस्ट्रेलिया की टीम दुनिया की सबसे जुझारू टीम है, कमजोर से कमजोर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम किसी भी प्रतिद्वंदी को कभी भी हराने की कूव्वत हमेशा रखती रही है। साथ ही यह अकेली टीम है जो खराब से खराब स्थितियों में भी समर्पण नहीं करती, अंतिम बॉल तक लड़ने और जीतने का जज्बा दिखाती है। इसलिए वाकई विराट कोहली की सर्वश्रेष्ठता का यह ऐतिहासिक इम्तिहान है, अगर वह इस मौजूदा सीरीज में सफल रहते हैं तो उन पर कालजयी महान बल्लेबाज होने का सर्वकालिक ठप्पा लग जायेगा।  स्टीव वॉ कहते हैं, ‘विराट कोहली सचिन और ब्रायन लारा के स्तर के बल्लेबाज माने जाते हैं।’ यह बात न केवल सही है बल्कि आंकड़ों के तकनीकी विश्लेषण पर जाएं तो सच्चाई यह भी है कि विराट इन दोनो बल्लेबाजों पर इस सीरीज के शुरु होने के पहले भी भारी पड़ते हैं। क्योंकि सचिन तेंदुलकर ने जहां ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया में 20 टैस्ट मैच खेलकर 53.20 रनों के औसत से 1809 रन बनाये हैं जिनमें 6 शतक हैं, वहीं ब्रायन लारा उनसे एक टैस्ट मैच कम खेलकर 41.97 की औसत से महज 1469 रन बनाये हैं जिनमें 4 शतक शामिल है। विराट कोहली इन दोनों धाकड़ बल्लेबाजों के मुकाबले अभी आधे मैच भी नहीं खेले लेकिन न सिर्फ  उनका औसत इन दोनो बल्लेबाजों से बेहतर है बल्कि उनके शतकों का औसत भी बहुत बेहतर है। विराट कोहली अभी तक ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया में महज 8 टैस्ट मैच खेले हैं और इन 8 टैस्ट मैचों में उन्होंने 62.0 की औसत से 992 रन बनाए हैं, जिनमें 5 शतक शामिल है यानी वह अपने 8 मैचों में ही शतकों के नज़रिये से ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया में ब्रायन लारा से आगे हैं और सचिन तेंदुलकर से सिर्फ  एक शतक पीछे हैं। इस तरह देखा जाए तो ऑस्ट्रेलिया में खुद को साबित करने के लिए विराट कोहली को सिर्फ  2 शतक और बनाने हैं। इससे वह ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया में किसी भी बल्लेबाज के मुकाबले ज्यादा शतक बना चुके होंगे। इस सीरीज में हालांकि यह उम्मीद लगाना तो बहुत अव्यवहारिक होगा कि विराट सचिन तेंदुलकर के ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध, ऑस्ट्रेलिया में और ऑस्ट्रेलिया के बाहर लगाये गये कुल शतकों का आंकड़ा पार कर लें, लेकिन उसके काफी नजदीक पहुंच सकते हैं।  मालूम हो कि भारत के जिन कुछ बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सबसे ज्यादा शतक और रन बनाये हैं, उनमें तेंदुलकर पहले पायदान पर हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया में और उससे बाहर कुल 39 मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 11 शतकों के साथ 3630 रन 55 की औसत से बनाए हैं। उनके बाद वीवीएस लक्ष्मण-8, सुनील गावस्कर-8 भी विराट से आगे हैं। 

- फ्यूचर मीडिया नेटवर्क