पंजाब में पंचायती चुनाव 30 को

चंडीगढ़, 6 दिसम्बर (हरकवलजीत सिंह): पंजाब सरकार द्वारा राज्य में पंचायती चुनाव वित्त वर्ष दौरान ही करवाने का फैसला लेते हुए राज्य चुनाव आयोग को मतदान 30 दिसम्बर को रखे जाने की सिफारिश की गई है। चुनावों की घोषणा के कारण राज्य में लागू होने वाले चुनाव आचार संहिता को मुख्य रख कर राज्य सरकार द्वारा चुनाव का कार्यक्रम लटकाया जा रहा था क्योंकि कल प्रात: मुख्यमंत्री द्वारा किसानों की ऋण माफी का एक विशेष समारोह रखा हुआ है जिसमें किसानों को ऋण माफी के प्रमाण पत्र जारी किए जाने हैं। सूचना के अनुसार राज्य में पंचायती चुनावों की घोषणा इस समारोह के बाद अर्थात् कल सायं तक कर दिए जाने की सम्भावना है। राज्य सरकार को यह बताया गया था कि 1 जनवरी 2019 के बाद राज्य में कोई भी चुनाव नई संशोधित हुई वोटर सूचियों के आधार पर ही हो सकेंगे जिसके लिए 2 से 3 माह का समय आवश्यक होगा तथा मार्च 2019 में संसदीय चुनावों की घोषणा की सम्भावना को मुख्य रख कर यह चुनाव संसदीय चुनावों के बाद रखना सरकार की मज़बूरी बन जाएगी। हालांकि बहुत से कांग्रेस विधायक इस चुनाव को संसदीय चुनावों के बाद रखे जाने के पक्ष में थे लेकिन इसलिए पंचायती राज एक्ट में राज्य सरकार को संशोधन करना पड़ना था क्योंकि मौजूदा एक्ट में चुनाव को निर्धारित समय में करवाया जाना सरकार के लिए ज़रूरी है। सूचना के अनुसार मुख्यमंत्री स्तर पर इस चुनाव को और आगे न डालने व कानून में संशोधन न करने का फैसला लेते इस चुनाव प्रक्रिया को वित्तीय माह में ही पूरा करने का फैसला लिया गया। सूचना के अनुसार राज्य के चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम संबंधी फैसला कल लिए जाने की सम्भावना है। वर्णनीय है कि पंचायतों में आरक्षण संबंधी ज़िला डिप्टी कमिश्नरों द्वारा अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया आज पूरी कर ली गई थी तथा इस संबंधी सभी डिप्टी कमिश्नरों द्वारा राज्य सरकार को बाकायदा सूचित भी कर दिया गया है। पंचायती चुनावों की घोषणा से समूचे राज्य में चुनाव आचार संहिता भी 30 दिसम्बर तक लागू हो जाएगी जिसके होते तबादलों आदि पर भी रोक लग जाएगी। राज्य के सभी विभागों द्वारा चुनाव आचार संहिता की सम्भावना को मुख्य रख कर आज लगातार उन फैसलों संबंधी फाइलें निकाली जा रही थीं जिन फैसलों पर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद रोक लग जाएगी।