सुप्रीम कोर्ट ने इंस्पैक्टर हजूर सिंह कत्ल केस की जांच का फैसला ट्रायल कोर्ट पर छोड़ा

चंडीगढ़, 7 दिसम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती): पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों पर अपने ही विभाग के इंस्पैक्टर हजूर सिंह (65) व बेटे गुरप्रीत सिंह (33) के दोहरे कत्ल की पारदर्शी जांच न करने तथा सभी आरोपियों को न पकड़ने का आरोप लगाते हुए सी.बी.आई. जांच की मांग करती एस.एल.पी. का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा व विनीत सरन ने मामले की आगामी जांच का फैसला ट्रायल कोर्ट पर छोड़ दिया है। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में सी.बी.आई. को जांच देने से इसलिए इन्कार कर दिया कि ट्रायल शुरू हो चुका है तथा कई गवाह भुगत चुके हैं परन्तु साथ ही यह भी कहा है कि पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की एकल बैंच द्वारा सी.बी.आई. जांच की मांग खारिज करने के फैसले का असर ट्रायल पर नहीं पड़ेगा। हाईकोर्ट के फैसले को इंस्पैक्टर की पत्नी बीबी सुखदीप कौर ने अपने वकीलों जी.एस. घुम्मण व जी.पी.एस. घुम्मण द्वारा सुप्रीम कोर्ट पहुंच कर केस के तथ्य बैंच के सामने लाए थे परन्तु बैंच ने कहा कि इस मंच पर जांच सी.बी.आई. को नहीं दी जा सकती परन्तु साथ ही कहा है कि यदि ट्रायल कोर्ट यह महसूस करता है कि कोई तथ्य जांच से रह गया है तथा इस मामले की और जांच होनी चाहिए तो ट्रायल कोर्ट यह स्वयं देखे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता के पास निचली अदालत में हर मुद्दा उजागर करने की छूट है तथा यदि ट्रायल कोर्ट समझता है कि इस मामले में अन्य जांच की ज़रूरत है तो वह स्वतंत्र तौर पर इस मामले को विचार कर सकती है तथा अपनी आब्जर्वेशन से कानून के अनुसार स्वतंत्र तौर पर आदेश पास कर सकती है। सुखदीप कौर के वकीलों ने कहा है कि पांच दिसम्बर को जारी सुप्रीम कोर्ट का आदेश आज ही प्राप्त हुआ है तथा शीघ्र ही निचली अदालत में अज़र्ी दाखिल कर इस मामले में अन्य आठ कथित आरोपियों को ट्रायल के लिए बुलाने व उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की जाएगी, क्योंकि इस मामले में ट्रायल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने से पहले ही पुलिस उच्च अथारिटी को इन आठ कथित आरोपियों की भूमिका बारे अवगत करवाते हुए कार्रवाई करने की मांग की जा चुकी थी। यह है मामला : सी.बी.आई. जांच की मांग करने के लिए हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया था कि दो ट्रकों की खरीद फरोख्त के कारण सम्पर्क में आए समाना के विश्व अमन सिंह गिल ने गुरप्रीत सिंह से बड़ी राशि फाइनांस करवाई तथा इसके बदले विश्व ने दो एकड़ ज़मीन का बयाना सिक्योरिटी के रूप में करवाया। दोनों में जानकारी हैप्पी सिद्धू नामक एक व्यक्ति ने करवाई थी। इसी तरह जानकारी आगे बढ़ती गई तो सुखविन्द्र व बलविन्द्र ने भी गुरप्रीत से पैसे फाइनांस करवाए। आरोप लगाया था कि 18 अप्रैल 2016 को विश्व अमन ने ज़मीन दिखाने के लिए गुरप्रीत को गुरचरन सिंह नामक एक व्यक्ति के फोन से कॉल कर पटियाले से समाने बुलाया। गुरप्रीत अपने पिता हजूर सिंह को साथ लेकर गया परन्तु घर न लौटा। बाद में उनकी गाड़ी व शव नहर से मिले। गुरप्रीत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मौत दम घुटने के कारण हुई है। आरोप लगाया गया था कि सुखजीत कौर द्वारा आरोप लगाने के बावजूद भी पहले तो पुलिस ने कोई कार्रवाई न की व बाद में अकेले विश्व अमन सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर कहा कि उसने कोल्ड ड्रिंक में नींद की गोलियां मिलाकर गुरप्रीत सिंह व हजूर सिंह को गाड़ी को नहर में धक्का दे दिया परन्तु अन्य विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। याचिका में सुखजीत कौर ने आरोप लगाया है कि यह अकेले विश्व अमन का काम नहीं है, इस दोहरे कत्ल में कथित तौर पर आपराधिक प्रवृत्ति वाले अन्य भी कई व्यक्ति शामिल हैं। आरोप लगाया था कि गुरप्रीत को पैसे वापस न करने के कारण ही यह कत्ल किया गया, लिहाज़ा सी.बी.आई. जांच होनी चाहिए।