गलियारे की आड़ में पाक घुसपैठ का प्रयास करेगा तो बर्दाश्त नहीं होगा : लै. ज. रणबीर सिंह

कपूरथला, 8 दिसम्बर (दीपक बजाज ): करतारपुर के गुरुद्वारा साहिब के लिए कोरिडोर बनना आपसी भाईचारे और दोनों देश के लोगों के लिए एक अच्छा संकेत है, परंतु अगर कोरिडोर की आड़ में पाकिस्तान द्वारा कोई घुसपैठ का प्रयास किया जाता है तो घुसपैठी जीवित वापिस नहीं जाएगा। ये शब्द सर्जीकल स्ट्राईक के हीरो और उत्तरी जोन के कमांडर लैफ्टीनेंट जनरल रणबीर सिंह ने स्थानीय सैनिक स्कूल में आयोजित ओल्ड स्टूडेंट्स मीट कार्यक्रम से पूर्व पत्रकारवार्ता दौरान कहे। उन्होंने कहा कि कोरिडोर बनना अच्छी बात है, परंतु अगर कोई गलत ढंग से सीमा पार कर घुसपैठ का प्रयास करता है तो भारतीय फौज उस विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी। उन्हाेंने सर्जीकल स्ट्राईक पर चल रहे राजनीतिज्ञ विवाद पर पूछे प्रश्न में कहा कि देश पर बुरी नजर रखने वालों के लिए सर्जीकल स्ट्राईक के साथ-साथ भारतीय फौज के पास कई और भी विकल्प होते हैं। जोकि दुश्मन को पछाड़ने के लिए फौज समय-समय पर प्रयोग करती है। उन्हाेंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह से सामान्य हैं और अगर वहां कोई भी घटना घटती है तो फौज उसे तुरंत काबू कर लेती है। उन्होंने बताया कि अब तक इस वर्ष में 225 घुसपैठियों को जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र में मारा जा चुका है। पाकिस्तान की ओर से मुम्बई हमलों में वहां के आतंकवादियों का हाथ होने की बात पर पूछे प्रश्न में उन्होंने कहा कि शुरु से ही वह ये बात कह रहे हैं कि आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ होता है और अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई करनी है तो वे सबसे पहले आतंकवादियों को पनाह देने से बाज आएं। पंजाब में आतंकवादी हमलों के अंदेसे संबंधी पूछने पर मेजर जनरल ने कहा कि पंजाब में बी.एस.एफ. और जे.एंड.के. में फौज पूरी तरह से मुस्तैद है और यदि जम्मू-कश्मीर में सख्ती के कारण आतंकवादी पंजाब की ओर अपना रुख करते हैं तो इस संबंधी कोई भी सूचना मिलने पर बी.एस.एफ. आर्मी व अन्य एजेंसियां आपसी तालमेल रखती हैं और भारतीय फौज भी आतंकवाद विरुद्ध पूरी तरह से चौकस है। राफेल और अगस्ता मामले संबंधी पूछे प्रश्न में उन्हाेंने कोई भी जवाब देने से इंकार करते हुए कहा कि ये राजनीतिज्ञ बातें हैं और वह इसमें दखल नहीं देंगे। लेफ्टीनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से आए दिनों की जा रही गोलाबारी और भारतीय फौज के जवानों की नुक्सान की भरपाई करने के लिए फौज पूरी तरह से सक्षम है और पाकिस्तान को भी मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। पत्रकारवार्ता दौरान उन्होंने स्कूल की पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि 1969-76 तक सैनिक स्कूल में शिक्षा गृहण की। आज वह जिस मुकाम पर भी हैं, इसके लिए स्कूल प्रिंसीपल, अध्यापक और स्टाफ बधाई के पात्र हैं। इससे पूर्व उन्हाेंने एन.सी.सी. टुकड़ी से परेड की सलामी ली और स्कूल बैंड का निरीक्षण किया और उपरांत स्कूल बैंड के बच्चों से मिल उनकी प्रशंसा की। इस मौके पर स्कूल प्रिंसीपल कर्नल विकास मोहन तथा स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर डी. पालसोकर ने सैनिक स्कूल पहुंचने पर उनका स्वागत किया। इसके साथ ही स्कूल स्टाफ और स्कूल के पुराने विद्यार्थी भी उपस्थित थे।