रात को बिजली खपत घटने से पावरकाम को रोज़ाना1.50 करोड़ का नुक्सान

जालन्धर, 8 दिसम्बर (शिव शर्मा) : रात को बिजली की खपत काफी गिरने के कारण पावरकाम को रोज़ाना  1.50 करोड़ का नुक्सान उठाना पड़ रहा है जिससे पावरकाम ने अपने खर्चे घटाने के लिए बिजली एक्सचेंज से सस्ती बिजली लेनी पड़ रही है। इस समय दिन के समय पावरकाम के पास बिजली की मांग 6100 से लेकर 6200 मैगावाट तक रह गई है जबकि रात को बिजली की मांग 3200 मैगावाट से लेकर 3500 मैगावाट तक रह गई है। राज्य में पावरकाम के बिजली की खपत अधिकतर औद्योगिक इकाइयों व कृषि क्षेत्र में की जाती है। इस समय पावरकाम को बठिंडा थर्मल प्लांट के एक यूनिट से बिजली मिल रही है जबकि रोपड़ का थर्मल प्लांट एक माह से अधिक समय से इसलिए बंद पड़ा है क्योंकि सिंचाई विभाग द्वारा रोपड़ नहर बंद की गई है। इन दिनों में सिंचाई विभाग मुरम्मत करने या सुधार के काम करने के लिए इसको बंद रखता है। रोपड़ नहर के बंद होने के कारण रोपड़ थर्मल प्लांट की मशीनरी को ठंडा करने के लिए ज़रूरी मात्रा में रोपड़ नहर से पानी नहीं मिल रहा है जिससे रोपड़ के थर्मल प्लांट को नज़रबंदी कर बंद रखना पड़ता है। रोपड़ नहर के बंद होने के कारण जहां रोपड़ नहर का पानी किसानों की फसलों के लिए ज़रूरी होता है परन्तु इस समय सारा ज़ोर मोटरों पर पड़ गया है तथा यही बिजली की खपत होती है तथा इसका खर्च पावरकाम पर पड़ता है। तलवंडी साबो थर्मल प्लांट के यूनिट चलने शुरू हो गए हैं तथा इसी तरह से राजपुरा का एक यूनिट व श्री गोईंदवाल साहिब का एक यूनिट चल रहा है। एक यूनिट लहरा मुहब्बत का चल रहा है। पावरकाम को जहां दिन के समय तो 6200 मैगावाट बिजली की मांग पूरी करनी पड़ती है परन्तु राज्य को चाहे औद्योगिक इकाइयों के लिए 1.25 रुपए सस्ती बिजली मिलती है परन्तु नोटबंदी, जी.एस.टी. के बाद रात की शिफ्टों का काम बंद हो गया है। कृषि क्षेत्र की मोटरें भी रात को नहीं चलती हैं तथा बिजली की मांग तो रात तक लगभग आधी रह जाती है। इस तरह से रात को निची थर्मल प्लांट की बिजली का न उपयोग करने के कारण पावरकाम को निजी थर्मल प्लांट को बिना  प्रयोग के ही 1 से 1.50 करोड़ रुपए की अदायगी करनी पड़ती है। वैसे भी निजी कम्पनियों के साथ पावरकाम के समझौते हैं कि यदि वे पूरी बिजली का प्रयोग नहीं करेंगे तो उनको फिक्स चार्जिज़ लगभग 1.45 रुपए प्रति यूनिट कम्पनियों को अदायगी करनी पड़ेगी। यदि पूरी बिजली कम्पनियों से ली जाए तो 3.30 रुपए प्रति यूनिट और देने पड़ेंगे। जिस तरह से पावरकाम को रोज़ाना बिजली की खपत घटने से 1.50 करोड़ रुपए का नुक्सान हो रहा है तथा यह राशि बिजली महंगी होने के समय पावरकाम को अपने खर्च में शामिल कर देता है। वैसे पावरकाम ने अब बिजली एक्सचेंज से रोज़ाना 1100 से लेकर 1200 मैगावाट तक सस्ती बिजली लेने की प्रक्रिया पहले ही शुरू की है जोकि घंटों के समय अनुसार ही प्राप्त की जाती है। इस समय रात को बिजली एक्सचेंज में बिजली सबसे सस्ती 2.80 रुपए प्रति यूनिट के लगभग सस्ती पड़ रही है। पावरकाम के सूत्रों का कहना है कि इन दिनों में देश भर में बिजली की मांग घट गई है तथा पावरकाम एक्सचेंज की सस्ती बिजली लेकर अपना नुक्सान पूरा कर रहा है।