बारीक चावल में मंदे का दलदल : चना-तुअर-उड़द टूटे

नई दिल्ली, 9 दिसम्बर (एजेंसी): गत सप्ताह के शुरूआती दौर में आई तेजी के बाद बढ़े भाव पर बारीक चावल में मुनाफावसूली बिकवाली आ गयी। वहीं घरेलू व निर्यात दोनों ही मांग ठप्प पड़ जाने से सप्ताहांत में 400/600 रुपए लुढ़क गये। धान में भी 300/350 रुपए का मंदा आ गया। मोटे धान व चावल में भी बाजार नीचे आ गया। दलहन में भी  सब्जियों के प्रेशर से चना, तुअर, उड़द सहित अन्य सभी 100/150 रुपए थोक में गिर गये। जबकि खुदरा में इसका प्रभाव नहीं दिखाई दिया। आलोच्य सप्ताह तरावड़ी, कैथल, टोहाना, करनाल, कुरूक्षेत्र, अमृतसर, जांडियालागुरू के साथ-साथ यूपी के दादरी, दनकौर, शिकोहाबाद, बहजोई, शाहजहांपुर, बरेली एवं जहांगीराबाद मंडी में धान की आवक डेढ़ गुनी हो गयी, जिसके चलते 300/350 रुपए गिरकर 1121 धान 3450/3500 रुपए एवं 1509 के भाव 2800/2850 रुपए रह गये। इसी अनुपात में 1408, 1401 धान में भी मंदे का दौर बना रहा। दूसरी ओर चावल सेला व स्टीम में घरेलू तथा निर्यात मांग पूरी तरह ठंडी पड़ जाने से 300/400 रुपए का मंदा आ गया। यूपी की मंडियों में 1121 सेला चावल 6600 रुपए एवं स्टीम 7100 रुपए रह गया, जबकि हरियाणा एवं पंजाब में सेला 6700/6750 रुपए एवं स्टीम 7100/7200 रुपए  के निम्नस्तर पर आ गया। हालांकि किसानों के पास ज्यादा स्टॉक नहीं तथा पिछले दिनों की आई ज्यादा तेजी के बाद स्टॉक के माल तेजी से निकालने लगे। वहीं राइस मिलों की मांग भी ठंडी पड़ गयी, क्योंकि निर्यातक ऊंचे भाव में रिस्क लेना नहीं चाहते हैं। इसे देखते हुए चावल में 100/150 रुपए और निकल सकते हैं, लेकिन अगले सप्ताह जैसे ही किसानों का धान मंदे में कट जायेगा, यहां से बाजार फिर उछल जायेगा। वहीं दलहनों में मसूर 4200 रुपए प्रति क्विंटल बिल्टी में बिकने के बाद नीचे वाले भाव 4050 रुपए पर आकर दाल मिलों की मांग सुधरते ही 4080/4100 रुपए हो गयी। नीचे में 4050 रुपए तक व्यापार हो गया था। उड़द एसक्यू भी 5600 रुपए बिककर नीचे में 5500 रुपए बिकने के बाद 5550 रुपए हो गया। तुअर भी 4575 रुपए से घटकर नीचे में 4450 रुपए बिकने के बाद मुम्बई की मजबूती से 4500 रुपए बोलने लगे। देशी चना 4700 रुपए से घटकर 4500/4525 रुपए रह गया। सप्ताह के उत्तरार्द्ध में सभी दलहनों में मजबूती लिये बाजार बंद हुआ, लेकिन सब्जियों के प्रेशर को देखते हुए अभी निकट भविष्य में ज्यादा बढ़ने की गुंजाइश नहीं है। दलहनों में स्थाई तेजी 15 जनवरी के बाद ही आयेगी।