इस बार कुम्भ में दिखेगा संस्कृति, संस्कार और वैभव का महासंगम

महाभारत के अरण्य पर्व के अनुसार उज्जैन सात पवित्र मोक्षपुरियों में से एक है। साथ ही ज्योतिषशास्त्र के अनुसार उज्जैन से शून्य डिग्री की गणना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार त्रिपुर राक्षस का वध भगवान शिव ने उज्जैन में ही किया था। इलाहाबाद के कुंभ में इस बार कई चीजें ऐसी होंगी जो पहले कभी नहीं हुईं। मसलन इस बार यहां ठहरने के लिए बनने वाली कुटियाओं में रहन-सहन और दिव्यता का एहसास कराने वाली पूजा-पाठ की तमाम आधुनिक सुविधाएं मिल सकती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महाकुंभ को पिछले सभी आयोजनों से भव्य और विशाल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसकी भव्यता का रिकार्ड बनाने के लिए जबरदस्त तैयारी की गई है। इसकी एक खास वजह भी है कि हाल में ही यूनेस्को ने कुंभ को विश्व की सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल कर लिया है। उसके बाद से राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक ने इसके आयोजन की भव्यता और वैभवशाली महात्मय को प्रदर्शित करने की हर स्तर से कोशिश की है ताकि पूरी दुनिया इस कुंभ की भव्यता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की पराकाष्ठा को भी देखे। इस बार कुंभ के दौरान विभिन्न अखाड़ों से जुड़े साधु-संत देहदान की घोषणा कर एक नई परंपरा की शुरुआत कर सकते हैं। देह दान का अर्थ सीधे चिकित्सा विज्ञान से जुड़ा हुआ है। मृत्यु के बाद संत अपना देहदान करेंगे ताकि मेडिकल की पढ़ाई में उसके विद्यार्थियों को शरीर क्त्रिया विज्ञान के अध्ययन करने में सहूलियत मिलेगी। कुंभ में ज्यादा से ज्यादा संख्या में श्रद्धालु आएं, इसके लिए यूपी सरकार ने देश के हर गांव को इसमें आने के लिए न्योता भेजने की योजना बनाई है। निमंत्रण पत्र में इस अनुरोध का उल्लेख किया जाना है कि गांव के सभी लोगों को यूपी में आने के लिए सूचना का संदेश दिया जाए। मुख्यमंत्री खुद सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करेंगे। मेले के दौरान प्रयागराज की परिवहन व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए पहले की तुलना में काफी बड़ा पार्किंग स्थल बनाया गया है। करीब 1193 हेक्टेयर जमीन पर 120 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जिनमें छह लाख वाहनों की पार्किंग हो सकेगी। इससे पहले  478 हेक्टेयर जमीन पर 99 पार्किंग बनाए गए थे। यह अपने आप में एक रिकार्ड होगा। इस बार मेले के दौरान इलाहाबाद देश के 14 शहरों से हवाई मार्ग से जुड़ जाएगा। साथ ही सड़कों पर महपुरुषों के नाम के हजारों गेट लगाए जाने हैं। कुंभ के महात्मय और इसकी प्राचीनता, आध्यात्मिकता को दर्शाने वाला इस बार एक कुंभ गान भी तैयार किया गया है जो मूल रूप से हिंदी में है और इसे दूसरी कई भाषाओं में अनुवाद करने की योजना है। यूपी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना अत्याधुनिक कुंभ संग्रहालय बनाने की भी है। इसकी लागत 300 करोड़ हो सकती है। इसमें इलाहाबाद की धर्मिक, ऐतिहासिक और दूसरी तमाम जानकरियां डिजिटल पर्दे पर देखी जा सकेंगी। कुंभ में इस बार पांच करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए पांच हजार शौचालय बनाए गए हैं। महाकुंभ की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस बार  एक वृहद तैयारी भारतीय रेलवे ने भी की है। उसके द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता की तकनीक का इस्तेमाल किया जाना है। मेले में आने-जाने वालों के लिए 800 विशेष रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी। रेलवे स्टेशनों और उसके आसपास के इलाकों में पहली बार आईवीएम इंटेलिजेंट वीडियो एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर रही है। कुंभ रेलवे सेवा नाम का नया मोबाइल एप लांच किया गया है। इस पर रेलवे की तमाम सूचनाएं उपलब्ध होंगी। इसे 10 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा डाउनलोड किया जा सकता है। साथ ही बड़ी संख्या में एलईडी स्क्त्रीन और सोशल मीडिया के जरिए भी धार्मिक यात्रियों को सही सूचना दी जाएंगी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया गया है।


-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर
-शंभु सुमन