सोशल मीडिया का महिलाओं पर प्रभाव

सोशल मीडिया समाज में संचार करने का काम निभा रहा है। लोगों को तरह-तरह की जानकारी देकर अच्छे और बुरे प्रभावों को सामने लाता है सोशल मीडिया। यह विचारधारक तकनीक है। यह दूर-दूर बैठे लोगों को आपस में जोड़ता है। पहले यह कुछेक लोगों तक ही सीमित था लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रसारण दूर-दूर तक हो गया। समाज, घर, परिवार का केन्द्रीय बिंदु एक महिला ही है। इस लेख में सोशल मीडिया का महिला पर पड़ता प्रभाव बताया गया है। आज की घरेलू महिलाएं सोशल मीडिया की सहायता से अपना ज्यादा समय व्यतीत करती है।इससे कई रचनात्मक कार्य भी किए जा सकते हैं। आजकल कई महिलाएं इस सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिभा या हुनर का प्रकटावा करती हैं। जैसे कि यू-ट्यूब पर अनेक हुनरमंद महिलाएं अपनी प्रतिभा का बखान करती हैं या तो अपनी रसोई कला द्वारा, डिजाइनिंग द्वारा या अन्य किसी हुनर की तरह। जिन महिलाओं ने अपनी नई बुटीक खोली है, वह तरह-तरह के डिज़ाइन इस यू.-ट्यूब, पिंटरैस्ट या कोई और वीडियो को अपलोड करती हैं, जिससे अनेक ग्राहकों का घेरा भी बड़ा होता है। महिलाएं के अंदर बढ़ते तनाव को कम करने के लिए सोशल मीडिया बहुत सहायक है। देश-विदेश में बैठे अपने बच्चों के साथ बात करके वह खुद को तरो-ताज़ा महसूस करती हैं। इसी अनुसार यह सोशल मीडिया हर पड़ाव के बच्चों के लिए सहायक है जहां छोटे बच्चे अपने मन-पसंद कार्टून देखते वहां बुजुर्ग लोग अपनी इच्छानुसार आध्यात्मिक संगीत की मौजूदा जानकारी देते हैं। महिलाएं अपने व्हट्सअप ग्रुप बनाकर कई तरह की जानकारी एक-दूसरे से शेयर करती है।  इससे कई महिलाएं ऑनलाइन खरीददारी का भी लुत्फ उठाती हैं। घर बैठे ही मनपसंद वस्तु को पा सकती हैं।इसी के साथ सोशल मीडिया पर थोड़ी सावधानी भी बरतनी चाहिए। दिन भर दिन बढ़ते अपराधों से खुद को दूर रखने के लिए सोच समझ कर अपने दोस्त बनाएं साइबर अपराधों की जकड़ में न आएं। जितना हो सके निजी जानकारी को अन्य मीडिया या अजनबी के साथ कम ही शेयर करें। इसी के साथ सोशल मीडिया का प्रयोग करें परन्तु थोड़ा संभल कर, अपने घर के कामकाज को निपटा कर बच्चों की पढ़ाई पर पूरा समय दें। इसके द्वारा (सोशल मीडिया) अपनी निजी ज़िंदगी को नज़रअंदाज़ न करें। इसका सही उपयोग ही टैक्नोलॉजी को आगे बढ़ाता है न कि गलत प्रयोग। इसी प्रकार इस मीडिया से अनेक प्रकार की जानकारियां लेकर आप अपने परिवार में सुचारू बदलाव ला सकती हैं।