विश्व टूर फाइनल्स : सिंधू की राह कठिन, समीर की निगाह भी नाकआउट पर  


ग्वांग्झू, 11 दिसम्बर (भाषा) : पीवी सिंधू और समीर वर्मा को अगर बुधवार से शुरू होने वाले बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स बैडमिंटन टूर्नामंट के नाकआउट में जगह बनानी है तो उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। इस सत्र में भारतीय खिलाड़ियों में सिंधू का प्रदर्शन सबसे प्रभावशाली रहा है। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीते। इसके अलावा वह इंडिया ओपन और थाईलैंड ओपन में भी उप विजेता रही थी। पिछली बार दुबई में उप विजेता रही हैदराबाद यह 23 वर्षीय खिलाड़ी विश्व टूर फाइनल्स में खिताब जीतकर अपने अभियान का स्वर्णिम अंत करना चाहेगी। लेकिन महिला एकल का खिताब जीतने लिये उन्हें कड़ी मशक्कत करनी होगी। सिंधू को बेहद कड़ा ड्रा मिला है। उन्हें ऐसे ग्रुप में रखा गया है जिसे ‘मौत का ग्रुप’ कहा जा सकता है। विश्व में नंबर एक चीनी ताइपै की ताइ जु यिंग, विश्व में नंबर दो और मौजूदा चैम्पियन जापान की अकाने यामागुची और सिंधू को इंडिया ओपन में हराने वाली अमरीका की बीवेन झांग को इस ग्रुप में रखा गया है। सत्र के आखिरी और प्रतिष्ठित टूर्नामैंट में चोटी के आठ खिलाड़ी ही भाग लेते हैं। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाले खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचेंगे। लगातार तीसरी बार इस टूर्नामेंट में भाग ले रही सिंधू का यामागुची के खिलाफ रिकार्ड 9-4 है लेकिन इस सत्र में इन दोनों के बीच जो पांच मुकाबले खेले गये उनमें से चार जापानी खिलाड़ी ने जीते थे। भारतीय खिलाड़ी के लिये ताइ जु यिंग से पार पाना भी मुश्किल रहा है।