पंजाब पुलिस में दोहरी नीतिर् चहेतों को नौकरियों के उपहार व कर्मचारियों को निलम्बन


जालन्धर, 11 दिसम्बर (मेजर सिंह) : पंजाब पुलिस के विभिन्न मामलों में पांच वर्ष से कम सज़ा भुगतने वाले 72 थानेदारों, हवलदारों व सिपाहियों ने आरोप लगाया कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अदालती आदेशों की परवाह न करते हुए अपने चहेते 44 कर्मचारियों को तो सज़ाएं काटने के बावजूद नौकरी पर बहाल कर दिया तथा उनको तरक्कियां भी दी हैं। इस तरह की पांच वर्ष से कम सज़ा भुगतने वाले 72 अन्य पुलिस कर्मचारी बर्खास्त कर दिए हैं तथा उनको किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी। हालांकि कई 30 व 35 वर्ष नौकरी वाले कर्मचारी भी बिना पैंशन या अन्य राहत दिए घरों को भेज दिए हैं। बर्खास्त पूर्व ए.एस.आई. कृष्ण लाल व ए.एस.आई. प्रमजीत सिंह ने साथियों सहित बताया कि उनको झूठे मुकाबलों में निर्दोषों को मारने वाले तीन आरोपियों को तो बहाल ही नहीं किया, बल्कि तरक्कियां देकर गज़टिड अधिकारी बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि खालड़ा चर्चित केस में उम्रकैद भुगतने वाले चार कर्मचारियों को पहले तो नौकरी पर बहाल रखा तथा अब जेल में बंद हैं तो पुलिस वैल्फेयर फंड से वेतन उनके घरों में भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सैनी के चहेते गनमैन को भी सज़ा भुगतने के बावजूद बहाल किया गया। उन्होंने बताया कि बर्खास्त किए ए.एस.आई. भूपिन्द्र सिंह को तो केवल पर्चा दर्ज होने के कारण ही बर्खास्त कर दिया गया तथा बाद में इस केस से वह बरी भी हो गया परन्तु फिर भी बहाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के कई फैसलों में स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि पांच वर्ष से कम सज़ा वाले कर्मचारी को बर्खास्त नहीं करना चाहिए तथा मांग की कि एक ही विभाग में दो तरह की नीति को समाप्त कर अदालत के आदेश अनुसार उनको भी पुलिस विभाग में बहाल किया जाए।