मैच अपने हक में करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं : साक्षी मलिक

नई दिल्ली, 12 दिसम्बर (भाषा) : महिला पहलवान साक्षी मलिक का यह सत्र काफी खराब रहा जिस बाद वह मैट पर अंत में मुकाबलों को अपने हक में करने के लिये कड़ी मेहनत में जुटी हैं। साक्षी को पूरे वर्ष निराशाजनक नतीजों का सामना करना पड़ा। राष्ट्रमंडल खेलों में वह पहले ही दौर में बाहर हो गयी लेकिन रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक जीतने में सफल रही। रोहतक की इस पहलवान ने एशियाई चैम्पियनशिप में एक और कांस्य पदक अपने नाम किया लेकिन वह यासर दोगू अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक दौर तक पहुंचने से पहले बाहर हो गयीं। एशियाई खेलों में यही खराब प्रदर्शन जारी रहा जिसमें साक्षी खाली हाथ लौटी और वह विश्व चैम्पियनशिप में भी निराशाजनक तरीके से बाहर हो गई। साक्षी ने कहा, ‘मैं अपनी सभी बाउट का विश्लेषण करती हूं, चाहे मैंने इन्हें जीता हो या इनमें हारी हूं। मैं अपनी गलतियों को देखती हूं कि मैंने अंक कहां गंवाया और इसे सुधारने की कोशिश करती हूं। मेरे वजन के अनुसार मेरे अंदर काफी ताकत है और कुश्ती में ताकत व तकनीक का अच्छा तालमेल होता है। आप सिर्फ एक चीज पर निर्भर नहीं कर सकते, आपके अंदर दोनों होनी चाहिए। रियो ओलंपिक की कांस्य पदकधारी पहलवान ने इस साल अपनी ज्यादातर बाउट गंवा दी जिसमें वह अंतिम क्षणों में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों से बाहर हुई थीं। साक्षी मलिक ने कहा, ‘मैं इस बात पर ध्यान लगा रही हूं कि बाउट के अंत में किस तरह चीजों को शांत रखा जाये। अंत के कुछ सैकेंड बहुत अहम होते हैं। मैं अंत में मैच गंवा रही हूं। मुझे खुद का ध्यान इसी पर लगाना होगा।’ साक्षी को राष्ट्रीय महासंघ ने ग्रेड बी का अनुबंध प्रदान किया था, जिसे आज बदलकर ग्रेड ए कर दिया गया।