लखनऊ का संग्राम सिंह प्रकाश पर्व पर कर रहा है पांच तख्तों की पैदल यात्रा

श्री आनंदपुर साहिब, 12 दिसम्बर (मधु सूदन, दिनेश नड्डा) : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासी और शाहजहांपुर के जंमपल राणा संग्राम सिंह की तरफ से जगत गुरू श्री गुरु नानक देव जी के 550 वर्षीय प्रकाश पर्व मौके सिख पंथ के पांच तख्त साहिबों की पैदल यात्रा आरंभ्भ की गई है। जिसके अंतर्गत वह खालसा पंथ के जन्म स्थान तीसरे तख्त श्री केसगढ़ साहिब श्री आनंदपुर साहिब पहुंचे है। गौरतलब है कि राणा संग्राम सिंह ने तख्त साहिबान की यात्रा की शुरुआत श्री गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व मौके श्री अकाल तख्त साहिब श्री अमृतसर साहिब से की थी। जो कि तख्त श्री दमदमा साहिब साबो की तलवंडी से होते हुए यहां पहुंचे हुए थे। तख्त श्री केसगढ़ साहिब में नतमस्तक होने के उपरांत स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए संग्राम सिंह ने बताया कि वह 13 दिसम्बर को पैदल तख्त श्री हरिमंदिर साहिब श्री पटना साहिब के लिए रवाना होंगे और वहां से होते हुए खालसा पंथ के पांचवे तख्त सच्चखंड श्री हजूर साहिब, श्री नांदेड़ साहिब में यात्रा की समाप्ति करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि यह उन की चौथी पैदल यात्रा है, जिन में रामसेतु के लिए 2007 को 54 दिनों में अयोध्या से रामेश्वरम तक 2635 कि. मी., 2011 में सात दरियाओं का पानी लेकर रामेश्वरम से अयोध्या तक 117 दिनों में 2657 कि. मी., 2015 में राम मंदिर के निर्माण के लिए द्वारका धाम से जग्ननाथ पुरी तक 2774 कि. मी. 114 दिनों में पैदल यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जगत गुरू श्री गुरू नानक देव जी के जीवन फलसफे से बड़ा ओर कोई दर्शन नहीं है। जिन्होंने मानवता को काम करने, बांट कर छकने और नाम सिमरन का उद्देश्य दिया था। जिस के चलते हर मानव सुखी और शांती वाला जीवन व्यतीत कर सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदु धर्म के लिए नवम पिता श्री गुरू तेग बहादुर जी की बहुत बड़ी देन है। जबकि सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तरफ से अपना पूरा परिवार कुर्बान करके हिंदु धर्म की रक्षा की थी। यहां पर यह लिखना भी जरूरी है कि राणा संग्राम सिंह जीव विज्ञान विषय में पोस्ट ग्रैजूएट हैं। तख्त श्री केसगढ़ साहिब में पहुंचने पर राणा संग्राम सिंह का सूचना केंद्र में सूचना अफसर एडवोकेट हरदेव सिंह की तरफ से सम्मान किया गया। इस मौके सीनियर अकाली नेता मनजिन्दर सिंह बराड़ आदि भी मौजूद थे।