बिजली सब्सिडी मिलने में देरी होने से बढ़ेंगी पॉवरकाम की समस्याएं

जालन्धर, 12 दिसम्बर (शिव शर्मा): पावरकाम को अपनी बनती पिछली सब्सिडी की राशि न मिलने के कारण आने वाले समय में उसके पसीने निकल सकते हैं क्योंकि एक तरफ तो उसने चाहे इस वर्ष बिजली की बिक्री कर कुछ लाभ दिखाया है तथा यदि देरी से उसको सब्सिडी की राशि मिलती है या राशि कम मिलती है तो काम करने के लिए ऋण लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। 30 नवम्बर तक सरकार ने इस वर्ष के नवम्बर माह तक की लगभग 3088 करोड़ की सब्सिडी की अदायगी करनी है। मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पावरकाम को सरकार द्वारा पहले आठ माह में 9145.92 करोड़ रुपए की सब्सिडी की राशि दी जानी थी परन्तु अभी तक केवल 5169.37 करोड़ रुपए की राशि ही पावरकाम को दी जा चुकी है तथा अब बकाया देने वाली राशि 3088 करोड़ रुपए के लगभग रह गई है। पंजाब बिजली अथारिटी आयोग ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 13712 करोड़ रुपए की राशि सरकार को पावरकाम को देने का निर्देश दिया था। सरकार ने किए वायदे अनुसार हर वर्ष 1143 करोड़ रुपए की अदायगी पावरकाम को करनी होती है। सब्सिडी की राशि चाहे लगातार बढ़ी है परन्तु इसकी सब्सिडी की राशि भी समय पर न मिलने के कारण पावरकाम को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पावरकाम के पूर्व चीफ इंजीनियर पदमजीत सिंह का कहना था कि पावरकाम को बिजली ड्यूटी की राशि एकत्र करनी है, सरकार बाद में उक्त राशि अपने खाते में ले लेती है जब बिजली ड्यूटी की राशि तो अपने खाते में जमा करवानी चाहिए। इंजीनियर पदमजीत सिंह का कहना था कि पंजाब बिजली अथारिटी आयोग ने यदि समय पर सब्सिडी की राशि देने का निर्देश दिया था तो उसकी अदायगी करनी चाहिए क्योंकि यदि समय पर सब्सिडी की राशि नहीं मिलती है तो इससे उपभोक्ताओं पर ही बाद में बोझ पड़ता है। स्मरण रहे कि सरकार पर वैसे भी वित्तीय संकट चल रहा है तथा कई सरकारी कर्मचारी भी अपने भत्ते देने की मांग करते रहे हैं। सरकार द्वारा भी सब्सिडी की राशि देने में देरी होने का एक कारण तो यह भी बताया जाता है कि जी.एस.टी. की वसूली भी 25 से 30 प्रतिशत घटी है जिसका असर भी कई बार सब्सिडी देना होता है। पावरकाम इसलिए भी सब्सिडी की राशि देरी से मिलने के कारण अपने खर्चे चलाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तथा कई बार तो लिए ऋणों की राशि देने के लिए भी ऋण लेने पड़ते हैं।