कलिंगा के रण में टूटा भारत का 43 साल का सपना

भुवनेश्वर, 13 दिसम्बर (वार्ता) : मेजबान भारत का 43 साल के लम्बे अंतराल के बाद हॉकी विश्व खिताब जीतने का सपना गुरूवार को कलिंगा के रण में नीदरलैंड के हाथों क्वार्टरफाइनल में 1-2 की हार के साथ टूट गया। भारतीय टीम ने पूल में अपराजेय रहते हुए सीधे क्वार्टरफाइनल में जगह बनायी थी जबकि नीदरलैंड की टीम क्रॉस ओवर मैच जीतकर क्वार्टरफाइनल में पहुंची थी। विश्व रैंकिंग में पांचवें नंबर की टीम भारत ने चौथी रैंकिंग के नीदरलैंड के खिलाफ 12 वें मिनट में बढ़त बनायी लेकिन नीदरलैंड ने 15 वें और 50 वें मिनट में गोल कर जीत अपने नाम की। भारत की इस हार के बाद कलिंगा स्टेडियम में मौजूद हजारों भारतीय खेल प्रेमियों का दिल टूट गया और भारतीय खिलाड़ी अपने आंसू नहीं रोक सके। नीदरलैंड का अब सेमीफाइनल में गत दो बार के चैंपियन और विश्व की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया से मुकाबला होगा। इस मुकाबले को देखने के लिए ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी मौजूद थे लेकिन उन्हें भी निराश होना पड़ा। 15 हजार दर्शकों से खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम में भारतीय खिलाड़ियों को भरपूर समर्थन मिल रहा था। भारतीय खिलाड़ियों ने पहला क्वार्टर बेहतरीन खेला लेकिन फिर धीरे धीरे उनकी गति में कमी आती गयी और आखिरी क्वार्टर तो भारतीय प्रदर्शन के लिहाज से निराशाजनक था। भारत को आखिरी क्वार्टर में बराबरी करने के लिए पेनल्टी कार्नर मिल गया था लेकिन भारतीयों ने इस मौके को दो प्रयासों के बावजूद गंवा दिया। भारत को मैच में दो और नीदरलैंड (हॉलैंड) को पांच पेनल्टी कार्नर मिले। मैच आंकड़ों को देखा जाए तो भारत ने हॉलैंड के गोल पर सात शॉट लिए जबकि हॉलैंड ने भारत के गोल पर चार शॉट लिए। हॉलैंड का सर्कल में नियंत्रण भारतीयों के मुकाबले बेहतर था और उसकी रक्षा पंक्ति ने भी भारतीय खिलाड़ियों को रोके रखा। एक गोल से पिछड़ जाने के बाद भारतीयों का तालमेल बिलकुल ही खत्म हो गया और वे अंतिम 10 मिनट में कोई ऐसा हमला नहीं कर सके जिससे उन्हें बराबरी का गोल मिल सके।भारत ने मैच में अच्छी शुरुआत की और 12वें मिनट में ही बढ़त बना ली। आकाशदीप सिंह ने पेनल्टी कार्नर पर मिले रिबाउंड पर यह गोल किया। हॉलैंड ने 15वें मिनट में थिएरे ब्रिंकमैन के मैदानी गोल से बराबरी हासिल कर ली। हॉलैंड के लिए 50वें मिनट में मिंक वीर डेन वान डेर ने मैच विजयी गोल दागा।