लुधियाना सिटी सैंटर घोटाले के मामले में हस्तक्षेप की मांग पर नोटिस जारी

चंडीगढ़, 15 दिसम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती): लुधियाना सिटी सैंटर में हुए कथित घोटाले को इस मामले की कैंसलेशन रिपोर्ट दाखिल करके चुपचाप दबाने का आरोप लगाते हुए एक याचिका पर पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है कि पटीशनर सिमरनजीत सिंह बैंस गुट क्यों न बनाया जाये। इस मामले में कैंसलेशन रिपोर्ट का विरोध करने के लिए दी गई अर्जी लुधियाना की विशेष अदालत द्वारा खारिज करने के आदेश को एडवोकेट रुची सेखड़ी द्वारा चुनौती देने वाली इस याचिका में कहा गया है कि पैरवी तथा जांच एजैंसियां सत्ता की सबसे से ऊंची कुर्सी पर बैठे व्यक्तियों की कठपुतली द्वारा काम करती हैं तथा इसी का परिणाम है कि 10 साल से लटक रहे लुधियाना सिटी सैंटर सकैम के मामले में फिर जांच में कोई कमी न मिलने की बात कह कर कांग्रेस द्वारा सत्ता में आने के बाद पांच महीने बाद ही पिछले साल 11 अगस्त को इस मामले को कैंसलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। इन दलीलों के आधार पर बैंस ने इस मामले में पक्ष बनने की इजाजत मांगी थी। हालांकि पिछली सुनवाई पर बैंस ने सवाल खड़ा किया था कि यदि नेताओं को इस तरह हस्तक्षेप की इजाजत दे दी गई तजो हर कोई किसी भी मामले में हस्तक्षेप की मांग करने लगेगा तथा ऐसे मामलों की भरमार हो जायेगी। बैंस की वकील को यह तथ्य साबित करने के लिए कहा गया कि कोई ठोस नुक्ता पेश करो, जिससे मामले में पीड़ित के अतिरिक्त कोई बाहरी व्यक्ति हस्तक्षेप कर सकता हो। वकील द्वारा जजमैंट पेश की गई तथा बहस के उपरांत हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया गया है। ऐसे हालात में अब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के लिए मुसीबत उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि यदि बैंस इस मामले में हस्तक्षेप करने वाले बन जाते हैं तो सिटी सैंटर में कथित घपले का मामला फिर खुलने के आसार बन सकते हैं तथा कैप्टन पुन: से निचली अदालत में पैरवी करनी पड़ेगी।