त्रिपुरा की रुद्रसागर झील में बना है नीरमहल

भारत में दो ऐसे महल हैं जो झील के बीच में बने हुए हैं। लेकिन दोनों लेक पैलेसों की तस्वीर एक-दूसरे से बहुत भिन्न है। उदयपुर की पिछोला झील में बना महल अब एक लग्जरी होटल बन गया है और इस तरह झील इस पूरे क्षेत्र को समृद्ध बनाने में कामयाब हुई है। लेकिन दूसरा लेक पैलेस जो देश के दूसरे कोने में है, उसकी झील का सारा पानी लापरवाही के कारण खत्म कर दिया गया है जिससे यह महल दयनीय स्थिति में है। इससे इसके आस-पास रहने वाले लोगों को भी कोई लाभ नहीं हो रहा है। यह पैलेस जिसे नीरमहल का नाम दिया गया है, त्रिपुरा में है।  देश के अधिकतर लोगों को मालूम ही नहीं है कि उदयपुर के अलावा भी देश में एक और लेक पैलेस मौजूद है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से लगभग 50 किमी के फासले पर रूद्रसागर झील है, जिसमें यह लेक पैलेस है। राजा बिक्रम किशोर देव बर्मन द्वारा 1930 में बनाए गए इस नीरमहल के दिन बेहतर होने की संभावना बढ़ गई है। त्रिपुरा के राजा ने नीरमहल को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में बनाया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि राजा देव बर्मन की असमय मृत्यु के कारण नीरमहल इतिहास में अपना गौरवशाली स्थान न पा सका। हालांकि आर्किटेक्चरल दृष्टि से देखा जाए तो इसमें हिन्दू व मुस्लिम शैलियों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। पिछले पांच दशकों के दौरान प्रशासन इसी काम में लगा रहा कि स्थानीय किसानों को खुश रखा जाए। इसलिए बारिश के मौसम में जो पानी रूद्रसागर झील में जमा होता है उसे धान की खेती में इस्तेमाल कर दिया जाता है, जिससे झील में पानी कम हो जाता है। (फ्यूचर मीडिया नेटवर्क)

— शैलेन्द्र सिंह