बैल्जियम बना विश्व हॉकी का नया बादशाह

भुवनेश्वर, 16 दिसम्बर (वार्ता) : ओलम्पिक रजत विजेता बेल्जियम ने तीन बार के चैंपियन नीदरलैंड (हॉलैंड) को रविवार को बेहद रोमांचक शूट आउट में 3-2 से हराकर पहली बार हॉकी विश्व कप टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया। निर्धारित समय में मुकाबला गोल रहित रहने के बाद शूट आउट का सहारा लिया गया जिसमें दोनों टीमें 2-2 से बराबर रहीं और सडन डेथ में बैल्जियम ने बाजी मारकर पहली बार विश्व विजेता होने का गौरव हासिल कर लिया। 15 हजार दर्शकों से खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम में दोनों टीमों ने जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया लेकिन दोनों टीमें एक-दूसरे के किले में सेंध नहीं लगा सकीं। हॉलैंड ने मैच में दो पेनल्टी कार्नर हासिल किये लेकिन 20 साल बाद खिताब की उम्मीद लगाए बैठी हॉलैंड टीम इन मौकों का फायदा नहीं उठा पायी। विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम ने 2016 के रियो ओलम्पिक रजत पदक के साथ विश्व कप का स्वर्ण पदक जोड़ लिया। बैल्जियम को कोई पेनल्टी कार्नर नहीं मिला लेकिन उसने शूट आउट में शानदार वापसी कर हॉलैंड की उम्मीदों को तोड़ दिया। हॉलैंड ने 1973, 1990 और 1998 में खिताब जीते थे लेकिन बेल्जियम के जज्बे ने उसकी उम्मीदों को तोड़ दिया।निर्धारित समय में गतिरोध नहीं टूट पाने के बाद शूट आउट का सहारा लिया गया। शूट आउट में बैल्जियम ने पहले दो प्रयास बेकार किये जबकि हॉलैंड ने पहले तीन प्रयासों में 2-0 की बढ़त बना ली। बैल्जियम ने अपना तीसरा और चौथा प्रयास भुनाया और बराबरी हासिल कर ली। हॉलैंड ने अपना चौथा और पांचवां प्रयास बेकार किया। अब बात सडन डेथ पर पहुंच गयी। सडन डेथ में बेल्जियम के लिए फ्लोरेंट वान ओबेल ने स्कोर किया जबकि हॉलैंड के जेरोन हर्टजबर्गर चूक गए। बैल्जियम ने पहली बार खिताब जीतते ही जश्न मनाना शुरू कर दिया और फिर पूरे कलिंगा स्टेडियम का चक्कर लगाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। फाइनल को देखने के लिए ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर मौजूद थे। फाइनल के बाद अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र ध्रुव बत्रा ने इस टूर्नामेंट को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया।