पॉवर फैक्टर कंट्रोल न रखा तो छोटे उद्योगों के आएंगे अधिक बिल

जालन्धर, 16 दिसम्बर (शिव शर्मा) : राज्य के करीब 10 हज़ार छोटे उद्योगों पर जनवरी 2019 से अपनी फैक्ट्रियों में पावर फैक्टर की संभाल करनी पड़ेगी नहीं तो उनका अधिक बिल आना शुरू हो जाएगा। पॉवरकाम ने तो इस साल से इस बारे आदेश लागू नहीं किया था पर अब पहली जनवरी से 20 किलोवाट तक वाले छोटे उद्योगों के लिए केवीएएच (किलोवाट अम्पेयर आवर) टैरिफ लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब छोटे उद्योगों वाले खपतकार अपनी कंट्रैक्ट डिमांड फिक्स चार्जिज़ केवीए लोड पर देने पड़ेंगे जबकि इससे पहले टैरिफ किलोवाट बेस के. डब्ल्यू यूनिट पर दिया जाता था। अब इस वर्ग के खपतकार अपने लोड के कंट्रैक्ट डिमांड की घोषणा कर सकेंगे।  राज्य में इस समय 20 किलोवाट वाले करीब 10000 छोटे उद्योग हैं। जब खपतकार अपने कंट्रैक्टर  डिमांड की घोषणा कर देंगे तो उनके ऊपर फिक्स चार्जिंज़ लगेगा। कंट्रैक्टर डिमांड उस वर्ग के 20 केवीए तक कर सकेंगे। जानकारी मुताबिक छोटे उद्योगों का लोड और डिमांड फैक्टर काफी कम होता है। खपतकार 20 केवीए की डिमांड मजबूत कर सकते हैं पर 50 किलोवाट लगभग तक लोड की डिमांड 20 केवीए से ऊपर नहीं आंती थी। इससे जो उद्योग अपना लोड बढ़ाना चाहते हैं, वह भी अपना लोड बढ़ा सकेंगे। जब तक मंजूर कंट्रैक्टर डिमांड पर अधिक एम.डी.आई. रिकार्ड नहीं होती थी तो उनके ऊपर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। न ही अधिक लोड चलने पर पावरकाम को किसी तरह का एतराज़ होगा। बिजली मामलों के माहिरश्री विजय तलवाड़ का कहना था कि इसके साथ एक नुकसान हो सकता है। वर्णनीय है कि उद्योगों का पावर फैक्टर कम होता तो केवीएएच रीडिंग असल खपत से अधिक आयेगी। खपतकार को अपने कनैक्शनों के साथ शंट कपैस्टर लगाने चाहिए। ताकि पावर फैक्टर 98 से लेकर 100 के बीच में रहे। पहली जनवरी से छोटे उद्योगों के लिए नया टैरिफ लागू होने से पावर फैक्टर को कंट्रोल करना जरूरी हो जाएगा। पहले तो पावर फैक्टर को कंट्रोल न होने से 20 किलोवाट लोड पर लोड 21 किलोवाट होता था तो कैटागिरी छोटे उद्योगों से बदल कर मीडियम सप्लाई में चली जाती थी। इससे एक तो फ्लाईंग उद्योगों की चैकिंग करते थे और साथ ही बिजली के अधिक रेट वसूल किये जाते थे। कंट्रैक्ट डिमांड 20 केवीए से नहीं बढ़ती है तो 90 यूनिट के पैसे 10 फीसदी के बढ़ाए गए हैं। शंट कपैस्टर लगाए जाये तो पावर फैक्टर 100 रहेगा तो टैरिफ से बिजली के बिल में 10 फीसदी घट आएगा।