वायु सेना के पास नहीं हैं पर्याप्त हल्के लड़ाकू विमान : संसदीय रिपोर्ट

नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (इंट) : कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुआई वाली संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश की वायु सेना के पास पर्याप्त संख्या में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलएसी) यानी हल्के लड़ाकू विमान नहीं हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में एलएसीए जिनमें तेजस जैसे विमान हैं, की कम संख्या को लेकर अपनी चिंता ज़ाहिर करते हुए इसे देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा करार दिया है। बता दें कि संसदीय कमेटी की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब मोदी सरकार अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल के सौदे को लेकर घिरी हुई है। लोक लेखा समिति ने रक्षा मंत्रालय से तत्काल इस दिशा में ज़रूरी कदम उठाने का सुझाव भी दिया है। पीएसी में भाजपा और कांग्रेस के आलावा टीएमसी, शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल, शिव सेना से लोकसभा और राज्यसभा के कुल 22 सदस्य शामिल हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वायु सेना अपनी ऑपरेशनल ज़रूरतों के लिए फिलहाल अल्पकालीन उपायों पर निर्भर है। यह स्थिति ठीक नहीं है और जल्द इसका समाधान होना चाहिए। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वायु सेना की ज़रूरतों को देखते हुए तत्काल इस प्रॉजेक्ट को पूरा करना चाहिए। लंबे समय के लिए भारत इस श्रेणी के विमानों के आयात को रोकने और इसे भारत में ही बनाने को लेकर सरकार को दिशा-रेखा तय करनी चाहिए।’ पीएसी ने अपनी रिपोर्ट में वर्तमान स्थिति से निराशा जताई है। रिपोर्ट में कहा है कि 3 दशकों से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी रक्षा मंत्रालय के अधीन ऐरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी (एडीए) ज़रूरत के मुताबिक स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान विकसित नहीं कर पाई है। संसदीय समिति ने वायु सेना को पर्याप्त संख्या में हल्के लड़ाकू विमान तेजस को उपलब्ध करा पाने में हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की नाकामी पर चिंता जाहिर की है। संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है जुलाई 2018 तक भारतीय वायुसेना को 200 तेजस फोइटर जेट्स और 20 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की ज़रूरत थी, लेकिन उसे सिर्फ  9 तेजस मिल पाए। पब्लिक अकाऊंटस कमेटी (पीएसी) यानी लोक लेखा समिति की ‘डिजाइन्स डिवेलपमेंटए मैन्यूफैक्चर ऐंड इंडक्शन ऑफ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ शीर्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुपरसोनिक फाइटर जेट को विकसित करने और वायुसेना में शामिल करने में बहुत ज्यादा देरी हो रही है।